इलाहाबादः हाईकोर्ट ने एनआरएचएम घोटाले के आरोपी वरिष्ठ आईएएस प्रदीप शुक्ला को निर्देश दिया है कि वह एक महीने में 5 लाख रुपए जमा करें। ऐसा न करने पर सीबीआई कोर्ट से 50 लाख रुपए जमा करने की शर्त पर जमानत का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा। हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद अगर प्रदीप शुक्ला 5 लाख रुपए नहीं जमा कराते हैं, तो उन्हें फिर जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा।
क्या है मामला?
-धनराशि जमा न करने पर प्रदीप शुक्ला के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की छूट होगी।
-सीबीआई कोर्ट ने पचास लाख एक महीने में जमा करने की शर्त पर प्रदीप शुक्ला की जमानत मंजूर कर ली थी।
-प्रदीप शुक्ला ने इतनी रकम जमा नहीं की है।
-सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप पर हाईकोर्ट ने 5 लाख रुपए जमा कराते हुए जमानत जारी रखी थी।
-उतनी ही राशि एक महीने में फिर जमा करने को कहा है।
आरोपी का क्या कहना था?
-प्रदीप शुक्ला ने कहा है कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि 50 लाख रुपए जमा करा सकें।
-कोर्ट ने इस पर एक मुश्त रकम जमा न करने की उन्हें छूट दी थी।
-एक महीने में 5 लाख जमा न करने पर उन्हें फिर जेल जाना होगा।
अदालत के अन्य फैसले
-न्यायिक कार्यवाही करने वाले सभी प्राधिकारी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के तहत कोर्ट नहीं है। इस धारा में सिर्फ सिविल, राजस्व, आपराधिक कोर्ट और अधिकरणों को कोर्ट के दायरे में रखा गया है। इन्हीं अदालतों या प्राधिकरणों में फर्जी दस्तावेज दाखिल कर कपट से आदेश लेने के खिलाफ अभियोग चलाने की मांग में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 की अर्जी की सुनवाई की जा सकती है।
-हाईकोर्ट ने नोएडा फेज-वन फायर स्टेशन आफिसर पद पर दो अधिकारियों की तैनाती मुद्दे पर महानिदेशक फायर को फैसला करने का निर्देश दिया है।