इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिल्म संता-बंता प्रा. लि के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली याचिक को खारिज कर दिया है। कोर्ट में यह याचिका सिख समुदाय की ओर से दायर की गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके शुक्ला और न्यायमूर्ति यूसी. श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया।
क्या कहा कोर्ट ने ?
-कोर्ट ने कहा कि यह फिल्म सुप्रसिद्ध सिख लेखक खुशवंत की किताब में लिखी कथानक पर आधारित है।
-यही नहीं सेंसर बोर्ड ने भी इस फिल्म के प्रदर्शन को देखने के बाद सही ठहराया है।
-ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि इस फिल्म के प्रदर्शन से सिख समुदाय के लोगों को किसी भी प्रकार का ठेस पहुंचेगा।
क्या कहा गया था याचिका में ?
याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म में सिखों को मूर्ख और जोकर के रूप में दिखाया गया है। जो उनके सम्मान के खिलाफ है।
सेंसर बोर्ड और केंद्र सरकार की तरफ से अधिवक्ता गौरव कुमार चंद्र का तर्क था कि प्रमाणन बोर्ड ने हर पहलू को देखने के बाद इस फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति दी है। कहा गया था कि बोर्ड एक जिम्मेदार विधिक संस्था है इस नाते उसके निर्णय पर उंगली नहीं उठाई जा सकती।