भंग होगा लखनऊ और रामपुर में बना तीन सदस्यीय वक्फ ट्रिब्यूनल

Update: 2016-02-23 15:39 GMT

इलाहाबाद: प्रदेश के कद्दावर मंत्री आजम खां के जिला रामपुर और प्रांत की राजधानी में गठित तीन सदस्यीय वक्फ ट्रिब्यूनल अब भंग हो जाएगा। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी­.वाई­. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने महाधिवक्ता को कहा है कि वह तत्काल तीन सदस्यीय वक्फ ट्रिब्यूनल का गठन जो लखनऊ और रामपुर में हुआ है उसकी अधिसूचना तत्काल खत्म करे।

कोर्ट ने पूछा-क्यों रखा अंधेरे में

कोर्ट के निर्देश पर उपस्थित महाधिवक्ता ने अदालत को आश्वस्त किया कि सरकार इसकी तत्काल अधिसूचना वापस ले लेगी। तीन सदस्यीय वक्फ ट्रिब्यूनल के गठन से नाराज कोर्ट का कहना था कि जब केन्द्र सरकार ने 2015 में ही 2013 में तीन सदस्यीय वक्फ टिंब्यूनल गठन के प्रावधान को समाप्त कर दिया था तो कैसे इस टिंब्यूनल का गठन कर कोर्ट को अंधेरे में रखा गया।

याचिका से जुड़ी बातें

-यह आदेश मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मो­जुनैद एजाज की याचिका पर दिया।

-कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव और सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से 15 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।

-इस याचिका पर कोर्ट 11 मार्च को सुनवाई करेगी।

-याचिका में कहा गया था कि वक्फ एक्ट 1995 में यह व्यवस्था है कि प्रत्येक जिले में एडीजे रैंक का न्यायिक अधिकारी वक्फ से संबंधित विवादों को सुनेगा।

साल 2013 में केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट में संशोधन कर तीन सदस्यीय कमेटी वाले वक्फ ट्रिब्यूनल गठन की व्यवस्था दी थी। इसके तहत रामपुर व लखनऊ में तीन सदस्यीय वक्फ ट्रिब्यूनल का गठन हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में कर दिया गया जो कि कानूनन नहीं हो सकता था। क्योंकि तीन सदस्यीय वक्फ ट्रिब्यूनल गठन का वर्ष 2013 का प्रावधान 2015 में खत्म हो गया था। कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी और सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से पूछा है कि वह स्पष्ट करेे कि कैसे इन सारी बातों को कोर्ट को नहीं बताया गया।

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