नई दिल्ली: दिल्ली में मंगलवार को विदेश सचिव स्तर की बैठक में पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया। दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच लगभग पौने दो घंटे तक बैठक चली। इसमें भारत ने एक बार फिर आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
भारत ने पाकिस्तान से पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की पाक में जांच तेज करने की मांग की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने नई दिल्ली में बताया कि भारत ने जांच के काम को तेज करने की मांग की है।
पाक ने उठाया कश्मीर मुद्दा
विदेश सचिव एस जयशंकर ने यहां ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भाग लेने आए अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी से मुलाकात की। इसके बाद पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि उसके विदेश सचिव ने जोर दिया कि कश्मीर मुख्य मुद्दा है जिसका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की भावनाओं के अनुरूप उचित समाधान निकाले जाने की आवश्यकता है। इस बैठक पर भारतीय पक्ष ने तत्काल कोई औपचारिक बयान नहीं दिया।
पठानकोट हमले के साए में बैठक
वैसे पाकिस्तानी सूत्रों ने बताया कि पठानकोट आतंकवादी हमले और पाक में कथित भारतीय जासूस की गिरफ्तारी के साए में ये वार्ता हो रही है। इससे पूर्व पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि पाकिस्तान ‘हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रोसेस’ में सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। इसे अफगानिस्तान, उसके पड़ोसियों ओर क्षेत्रीय देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और कनेक्टिविटी समेत क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के मंच के तौर पर 2011 में स्थापित किया गया था। ताकि अफगानिस्तान में स्थाई शांति एवं स्थायित्व को बढ़ावा मिले।
पाकिस्तान ने 9 दिसंबर 2015 को इस्लामबाद में पांचवें हार्ट ऑफ एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी की थी। उस सम्मेलन में ‘सुरक्षा खतरों से निपटने एवं क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिए सहयोग बढ़ाने पर जोर’ शीषर्क से इस्लामाबाद घोषणा पत्र को पारित किया गया था।