कासगंज: गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली तिरंगा यात्रा के दौरान हुए बवाल, मारपीट, आगजनी, पथराव व फायरिंग में एक युवक की मौत के बाद भड़के आक्रोश में उपद्रवियों द्वारा एक धर्मस्थल में आग लगाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने नियंत्रण के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को बुला लिया है। बीजेपी के स्थानीय सांसद ने इस बवाल को योजनाबद्ध करार दिया है।
दूसरी ओर, प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश देने के साथ मृतक के प्रति संवेदना व परिवार को हरसंभव मदद का निर्देश दिया है। कासगंज उपद्रव की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री द्वारा जिला प्रशासन को पीड़ित परिवारकी हरसंभव मदद के निर्देश देने के साथ ही दोनों पक्षों से शांति व सदभाव बनाए रखने की अपील की है। साथ ही प्रशासन को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश भी दिए हैं।
स्थानीय अधिकारियों से नहीं कराएंगे जांच
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है। इस बवाल और हिंसा पर बीजेपी सांसद राजवीर सिंह राजू का कहना है कि 'इस घटना में हमारे लोगों (उनका मतलब एबीवीपी कार्यकर्ता) का कोई दोष नहीं है। यह झगड़ा योजनाबद्ध तरीके से किया गया है जिसे किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता।' उन्होंने इस घटना की जांच स्थानीय अधिकारियों से नहीं कराए जाने का भी ऐलान किया।
'वंदेमातरम' का विरोध अनुचित
सांसद बोले, 'कासगंज में हुए उपद्रव के विषय में अब तक सामने आए तथ्यों के अनुसार यह पूरा उपद्रव प्रायोजित प्रतीत होता है। अगर 'वंदेमातरम' के नारों को ही बवाल का कारण माना जाए तो पहले तो इसका विरोध ही अनुचित था। दूसरा, इस विरोध का स्थान तो बड्डू नगर मोहल्ला था जहां पथराव, मारपीट आदि की ही घटना हुई। जबकि फायरिंग तहसील वाली गली की घटना है।' दरअसल, यहां एक स्कूल में छात्राओं के फंसे होने की सूचना मिलने पर कुछ युवक उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने के लिए गए थे।
शिवसेना के आह्वान से प्रशासन के हाथ-पांव फूले
सांसद राजवीर सिंह राजू का आरोप है, कि यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। अलीगढ़ क्षेत्र के आईजी संजीव कुमार सहित आला अधिकारी मौके पर डेरा डाले हुए हैं। वहीं, इस दंगे को लेकर शिवसेना आगरा के प्रमुख द्वारा कासगंज कूच की घोषणा से जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूले नजर आ रहे हैं