बागपत: अक्सर अपने तुगलगी फरमानों को लेकर विवादों में रहने वाली खाप पंचायतें इस बार पुलिसिया कार्रवाई के हक में खड़ी हुई हैं। बागपत में दहेज हत्या और रेप के आरोपियों के लिए पंचायत में तय की गई जूते मारने की सजा को गलत बताया गया है। खाप चौधरियों ने कहा है कि पंचायतों को बदनाम करने वाले ये पंच नहीं बल्कि गुंडे हैं। इनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
खाप की नाराजगी
-खाप चौधरियों ने शनिवार को बागपत के बड़ौत में एक बैठक बुलाई और अपना गुस्सा जाहिर किया।
-खाप चौधरी, थांबा मेहर अलबेल सिंह ने कहा-लड़की को गलत नियत से देखना भी गुनाह है फिर रेप के मामले में सिर्फ जूते मारने की सजा कैसे दी जा सकती है।
-इसमें कानून को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जिस थाने में ये पंचायत हुई उस थाने का जिम्मेदार भी गुनहगार है।
और क्या कहा?
-थांबा किशनपुर बराल के महक सिंह ने कहा कि कुछ गांवों में हुए फैसलों से पंचायतों की साख गिर रही है।
-यशपाल सिंह ने कहा-पंचायतें कानून से ऊपर नहीं हैं। हम ऐसे पंचायत करने वालों का बहिष्कार करते हैं। इनसे सख्ती से निपटेंगे।
-पंचायतों को अपनी संभ्यता संस्कार, संस्कृति के आधार पर फैसला सुनानी चाहिए।
क्यों भड़का गुस्सा
-पिछले दिनों एक दहेज हत्या के आरोपी को पंचायत ने 10 जूते मारकर छोड़ने का आदेश दिया।
-जौहड़ी गांव में छेडछाड़ के आरोपी को सिर्फ पांच जूते मारकर छोड़ने के मामले ने आग में घी डालने का काम किया।