लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी, राष्ट्रीय जनतादल की मदद से फिर से सीएम बने नीतिश कुमार की यूपी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को लेकर लालू से ठन गई है। लालू अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को रोकने के लिए महागठबंधन में समाजवादी पार्टी को शामिल करना चाहते हैं तो नीतिश इस बात पर अड़ गए हैं कि मुलायम सिंह यादव की पार्टी सपा को महागठबंधन से पूरी तरह अलग रखा जाए।
दरअसल सपा बिहार विधानसभा चुनाव में पहले महागठबंधन में शामिल थी, लेकिन नीतिश से सपा को महज 5 सीट देकर मुलायम सिंह यादव को अपमानित कर दिया। नतीजा ये हुआ कि सपा गठबंधन से अलग हो गई और उसने 200 से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए। हालांकि सपा को इसका कोई फायदा नहीं हुआ और अधिकतर सीटों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
बिहार की जीत से उत्साहित नीतिश और लालू ने यूपी में भी महागठबंधन के बारे में सोचा क्योंकि सपा और बसपा के बिना यहां कोई भी गठबंधन मुश्किल है। बसपा प्रमुख मायावती किसी भी गठबंधन या तालमेल से पहले ही साफ मना कर चुकी हैं। इस मामले में बसपा का अनुभव कड़वा रहा है। बसपा ने 1996 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ एलायंस किया था। बसपा के वोट तो कांग्रेस को ट्रांसफर हो गए लेकिन कांग्रेस के वोट बसपा को नहीं मिल पाए। उस चुनाव के बाद मायावती ने चुनाव पूर्व किसी भी गठबंधन से हमेशा के लिए तौबा कर ली।
बिहार में सपा के गठबंधन से अलग होने के बाद नीतिश कुमार, मुलायम सिंह यादव से कुछ ज्यादा ही नाराज हो गए और उन्होंनें लालू से साफ कह दिया कि यूपी चुनाव में महागठबंधन तो बनेगा, लेकिन उसमें मुलायम शामिल नहीं होंगे। इस मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का तर्क ज्यादा वजनदार है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह का कहना है कि बसपा के इंकार के बाद सपा के बिना यूपी में महागठबंधन नहीं बन सकता।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ,सपा को शामिल करने के पक्ष में हैं जबकि नीतिश इसका विरोध कर रहे हैं। आरएलडी और अपनादल के एक गुट समेत अन्य छोटे दलों को शामिल करने का फायदा चुनाव में नहीं मिलेगा। बिना सपा के महागठबंधन टांय टांय फिस्स हो सकता है। एक कारण और कि लालू प्रसाद ,मुलायम सिंह यादव के समधी हैं और इस नाते भी उनका सॉफ्ट कॉर्नर सपा अध्यक्ष से है। लालू ,अपने समधी की मदद से यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं।
लालू नहीं चाहते कि अब यूपी विधानसभा चुनाव में समधी मुलायम को नाराज किया जाए। हालांकि अपने राजनीतिक तर्क से लालू अब तक नीतिश को मना नहीं सके हैं। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह कहते हैं कि चुनाव में कम से कम एक साल बाकी है और महागठबंधन मामले में अभी कुछ कहना प्री-म्योचोर होगा ।