मथुराः जवाहर बाग से अवैध कब्जा हटाने गए एसपी मुकुल द्विवेदी और फरह थाने के एसओ संतोष यादव के शहीद होने के बाद पूरे घटनाक्रम में नई जानकारियां सामने आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार कब्जा करने वाले रामवृक्ष यादव और उसके साथियों पर सख्ती न करने का निर्देश यूपी सरकार के एक बड़े कैबिनेट मंत्री देते थे।
पता ये भी चल रहा है कि प्रशासन और सरकार को एक साल पहले ही पता था कि कब्जा करने वालों के पास अवैध असलहे हैं। फिर भी गुरुवार को बगैर किसी तैयारी के पुलिसबल ने वहां पहुंचकर कब्जा हटाने की कोशिश की।
यूपी के एक कद्दावर मंत्री पर उठ रही उंगली
-सूत्रों के अनुसार यूपी के एक बड़े कैबिनेट मंत्री मथुरा के अफसरों के संपर्क में थे।
-मंत्री कहते थे कि कब्जा करने वालों पर कोई सख्ती न की जाए।
-वह हर बार अफसरों से कहते थे कि एक दिन ये लोग खुद ही चले जाएंगे।
-इस पूरे मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने कद्दावर मंत्री पर आरोप लगाए थे।
-जिसके बाद उस कद्दावर मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
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रामवृक्ष यादव के सपा कनेक्शन
-रामवृक्ष यादव और समाजवादी पार्टी के बीच संबंध धीरे धीरे सामने आने लगे हैं।
-एक वर्ष पूर्व हुई रामवृक्ष यादव की बेटी की शादी में कई सपा नेता और मंत्री आए थे।
-वहीँ सपा सरकार की तरफ से रामवृक्ष यादव को लोकतांत्रिक सेनानी पेंशन भी दी जाती है।
-रामवृक्ष यादव यूपी के गाजीपुर के मरदह थाना क्षेत्र के ग्राम सभा रायपुर बागपुर का रहने वाला है।
-इमरजेंसी के दौरान रामवृक्ष यादव जेल गया था। उसे गाजीपुर से ही पेंशन मिलती है।
-पिछले वर्ष हुई मथुरा के इसी जवाहर बाग़ में मास्टर माइंड राम वृक्ष यादव की छोटी बेटी की शादी में सपा सरकार के एक कद्दावर मंत्री समेत कई मंत्रियो ने शिरकत की थी।
-सूत्रों के अनुसार जवाहर बाग में अक्सर कई सपा नेता रामवृक्ष से मिलने आया करते थे।
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2015 में ही अवैध असलहे होने की जानकारी थी
-सूत्रों के मुताबिक 15 फरवरी 2015 को मथुरा के डीएम ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी।
-गृह सचिव को भेजी रिपोर्ट में कब्जेधारियों के पास अवैध असलहे होने की बात कही थी।
-जवाहर बाग में उस वक्त 5 से 6 हजार लोगों के होने की बात कही गई थी।
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नक्सली कमांडर देते थे ट्रेनिंग !
-सूत्र बताते हैं कि रामवृक्ष के दल को दो-तीन नक्सली कमांडर ट्रेनिंग देते थे।
-यहां तमंचे को अद्धा, कारतूस को कंचा कहा जाता था।
-रायफल के लिए बोतल और चाकू के लिए कटना शब्द बोला जाता था।
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इस तरह शहीद हुए एसपी मुकुल द्विवेदी
-चश्मदीदों के मुताबिक एसपी को पहले फरसा मारा गया।
-जमीन पर गिरने के बाद दरांती से उन पर वार किए गए।
-भारी पत्थर सिर पर मारने से मुकुल का हेलमेट टूट गया था।
-पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर की पांच जगह हड्डी टूटी मिली।