आगरा: अब तक बीजेपी की फायर ब्रांड नेत्री रहीं कुंदनिका शर्मा को सपा ने आगरा उत्तर से प्रत्याशी घोषित कर मुसीबत मोल ले ली है। विहिप नेता अरुण माहौर की हत्या के बाद हुई सभा में कुंदनिका ने मुसलमानों के खिलाफ ऐसी आग उगली कि उन्हें गिरफ्तार तक कर लिया गया था। वो शनिवार को सपा में शामिल हुईं और उन्हें आगरा उत्तर सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।
सपा से जुड़े मुसलमान मानते हैं कि कुंदनिका को प्रत्याशी घोषित करना उसी तरह घाटे का सौदा साबित होगा जैसा 2009 में बीजेपी नेता कल्याण सिंह के सपोर्ट देने के सवाल पर हुआ था।
मुस्लिम समाज में असंतोष के स्वर
मुस्लिम बाहुल्य दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से पहले ही ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर मुस्लिम समाज का विरोध झेल रही सपा के लिए कुंदनिका को उत्तर क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित करना टेडी खीर साबित हो सकता है। सपा का मुख्य वोट बैंक माने जाने वाले मुस्लिम समाज में कुंदनिका शर्मा को प्रत्याशी घोषित किए जाने से विरोध के सुर तेजी से उठने लगे हैं।
मुस्लिम नेता हाई कमान से मिलेंगे
मुस्लिम समाज के कई बड़े नेता इस मामले को लेकर हाई कमान से मिलने की बात कह रहे हैं। शहर की तीनों विधानसभा सीटों पर लगभग 3 लाख मुस्लिम वोटर है, ऐसे में मुस्लिम समाज की नाराजगी आगामी विधानसभा चुनाव में सपा को भारी पड़ सकती है।
मुस्लिम विरोधी बयान को लेकर रही हैं चर्चित
विहिप नेता अरुण माहोर की हत्या के बाद आयोजित शोकसभा में मुस्लिम विरोधी बयान देने के कारण कुंदनिका शर्मा पर थाना लोहामंडी में केस दर्ज हुआ था। 22 मार्च को पुलिस ने कुंदनिका को घर से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। हालांकि कोर्ट ने कुंदनिका को जमानत दे दी थी। एमजी रोड पर आयोजित दलित गर्जना में भी कुंदनिका शर्मा ने सपा को जमकर कोसा था। ये बात सपा कार्यकर्ता भूल नहीं पा रहे हैं।
दिखा सपा का दिवालियापन
सपा नेता सप्पो उस्मानी और अदनान कुरैशी ने कहा कि मुस्लिम समाज के लिए आपत्तिजनक बयान देने वाली बीजेपी नेत्री को प्रत्याशी घोषित करना पार्टी के मानसिक दिवालियेपन का नतीजा है।
गाली देने वाले को नहीं देंगे वोट
सपा युवजन सभा के पूर्व उपाध्यक्ष अनीस खान ने कहा कि हमेशा मुस्लिमों को गाली देने वाले को मुस्लिम समाज कभी वोट नहीं देगा। अगर हाई कमान ने प्रत्याशी नहीं बदला तो मुस्लिम समाज एक जुट हो कुंदनिका शर्मा के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारेगा।
हाजी जमीलुद्दीन कुरैशी ने बताया कि कुंदनिका श्रम 27 साल से हिंदूवादी नेता रही हैं। समय-समय पर उन्होंने मुस्लिम समाज को जमकर कोसा है। ऐसे में सपा की ओर से उन्हें प्रत्याशी बनाया जाना स्वयं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है।