नोएडा: डीपीएस में रैगिंग मामले में यूपी के मुख्य सचिव, डीएम और एसएसपी को नोटिस जारी किया है। नोटिस में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का भी हवाला दिया गया है।
यदि किसी कॉलेज में रैगिंग होती है तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। डीपीएस में 5 मई को हुई रैगिंग की घटना के बाद एक्शन न लेने की बजाए स्टूडेंट को घर पर ही रहने की हिदायद दी गई थी।
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स्कूल प्रबंधन ने बनाया था दबाव
-उसी स्टूडेंट के साथ 9 मई को भी रैगिंग की घटना हुई।
-यही नहीं स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को केस दर्ज नहीं कराने का दबाव बनाया था।
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एसएसपी किरण एस ने क्या कहा
-आयोग का नोटिस अभी उन्हें नहीं मिला है।
-नोटिस में जो भी होगा उसका जवाब दिया जाएगा।
चार सप्ताह का दिया समय
-राष्ट्रीय मानवाधिकार ने तीनों अधिकारियों को चार सप्ताह का समय दिया है।
-चार दिन के अंदर तीनों को आयोग के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
डीएम ने लिखा पत्र
-वहीं इस मामले में डीएम ने एसएसपी किरण एस को पत्र लिखकर जांच की रिपोर्ट मांगी है।
-जिसमें स्पष्ट जबाव मांगा गया है कि यदि यह आपसी मारपीट का मामला है तो पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई करे।
-यदि रैगिंग का है तो उसकी रिपोर्ट दी जाए ताकि स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जा सके।
क्या है मामला
-डीपीएस स्कूल में ग्यारहवीं के स्टूडेंट यश व ध्रुव को हॉस्टल में रैगिंग के नाप पर स्कूल के ही 12वीं के स्टूडेंट्सने जमकर पीटा था।
-दोनों स्टूडेंट को कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
-परिजनों की ओर से छह छात्रों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया।
-यश ने स्कूल को छोड़ दिया।
-स्कूल प्रबंधन ने छह स्टूडेंट्स को निलंबित किया।
-एबीवीपी ने 12 अन्य स्टूडेंट्स को निलंबित करने की मांग उठाई।