त्रिपुरा में पहली बार नई सरकार बनाने के लिए बीजेपी की कवायद जारी

Update: 2018-03-04 17:17 GMT

अगरतला : त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद रविवार को भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में प्रदेश में पहली सरकार बनाने की कवायद शुरू हुई। प्रदेश की सत्ता पर करीब ढाई दशक से काबिज वाम दलों के किले को ढहाकर भाजपा ने अपना परचम लहराया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने मीडिया से बातचीत में कहा, "भाजपा संसदीय बोर्ड ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जुअल ओरांव को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया। वे मंगलवार को नव-निर्वाचित विधायकों से मिलकर सरकार बनाने पर उनकी राय जानेंगे और विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगे।"

उन्होंने कहा, "इस सप्ताह सरकार का गठन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई केंद्रीय नेता शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करेंगे। शपथ ग्रहण समारोह की तिथि का निर्धारण प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को जानने के बाद किया जाएगा।"

देब ने मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार का नाम बताने से इनकार किया। उन्होंने कहा, "सब कुछ पार्टी तय करेगी।"

भाजपा नेता के मुताबिक, सरकार बनाने को लेकर भाजपा और सहयोगी दल इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) की संयुक्त बैठक भी मंगलवार को होगी।

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अनेक भाजपा नेताओं ने बताया कि त्रिपुरा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा नेता हैं।

देब ने मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार और पार्टी के युवा नेता अमल चक्रवर्ती को बनामालीपुर विधानसभा क्षेत्र में 9,549 मतों से पराजित किया है। वह पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे थे।

भाजपा-आईपीएफटी ने 18 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव के शनिवार को आए नतीजों में 59 में से 43 सीटों पर कब्जा जमाया है।

प्रदेश के 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है वहीं आईपीएफटी की झोली में आठ सीटें आई हैं।

प्रदेश के 59 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हुए थे जबकि माकपा उम्मीदवार के निधन के कारण जनजाति के लिए सुरक्षित चारीलम सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था।

उधर, त्रिपुरा में करीब दो दशक से मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार ने रविवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल तथागत राय को सौंपा जिन्होंने उनको अगले मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने तक पद पर बने रहने को कहा।

प्रदेश में चुनाव नतीजे आने के बाद प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जगह-जगह उत्पात मचाने व हमले करने से दो लोगों की मौत हो गई और इन घटनाओं में 300 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं।

माकपा ने कहा, "लाठी, धारदार हथियार और हथगोले से लैस भाजपा कार्यकर्ताओं ने माकपा के कार्यालयों और वाम दलों के समर्थकों के घरों, छोटी-छोटी दुकानों समेत प्रदेशभर में 100 से ज्यादा स्थानों पर हमले किए। इन हमलों में एक महिला और एक युवक की हत्या कर दी गई।"

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