मुंबई: दलित शब्द के प्रयोग को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए हैं। न्यायालय ने कहा है कि केंद्र सरकार मीडिया द्वारा प्रयोग किए जाने वाले 'दलित' शब्द पर रोक लगाने के मामले पर विचार करे।
यह थी याचिका
दलित शब्द के प्रयोग करने के मामले में ललित जी मेशाराम की ओर से याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद कोर्ट की नागपुर बेंच ने इस मामले में निर्देश जारी किए थे। याचिकाकर्ता के वकील एसआर नारनावारे ने कोर्ट को बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय पहले ही केंद्र सरकार को दलित शब्द का प्रयोग करने के मामले में सलाह दे चुका है। मंत्रालय का कहना है कि इस शब्द पर रोक लगाई जाए।
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राज्य सरकारें भी लेंगी फैसला
सर्कुलर में राज्यों को अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों के लिए दलित शब्द के प्रयोग पर रोक लगाने की बात कही गई थीं जिसके बाद अतिरिक्त सरकारी वकील ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि राज्य सरकारें इस मामले में जल्द फैसला लेंगी। वहीं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जल्द निर्देश दे सकता है।
6 हप्ते में जारी हों निर्देश
इस मामले में मीडिया को 6 हफ्तों में निर्देश जारी किए जाने चाहिए। हमने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि वह मीडिया द्वारा प्रयोग किए जाने वाले दलित शब्द पर अगले 6 हफ्तों में फैसला करे। पहले भी इस तरह के सर्कुलर जारी किए जा चुके हैं जिसके बाद 'हरिजन' शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई गई थी।
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यह है सर्कुलर
जारी किए गए सर्कुलर में लिखा है कि 'सभी राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों से मांग की जाती है कि सभी आधिकारिक रिपोर्ट, मामलों, डीलिंग और सर्टिफिकेट्स में अंग्रेजी भाषा में शेड्यूल कास्ट और दूसरी भाषाओं में इस शब्द के सही अनुवाद का प्रयोग किया जाए। इसका आर्टिकल 341 के तहत जारी किये नोटिफिकेशन में भी वर्णन है।