Surgical Strike पर नवाज के झूठ का पर्दाफाश, पाक पुलिस अफसर ने हमले की बात मानी

Update: 2016-10-05 17:51 GMT

नई दिल्लीः पाकिस्तान की सेना और वहां के पीएम नवाज शरीफ भले ही लगातार भारत के सर्जिकल स्ट्राइक को झूठा कह रहे हों, लेकिन बुधवार को उनका झूठ खुद ही सामने आ गया। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के एक सीनियर पुलिस अफसर ने एक भारतीय टीवी चैनल के पत्रकार से बातचीत में माना कि 28/29 सितंबर की दरम्यानी रात सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। इस पुलिस अफसर के मुताबिक इसमें पाक के पांच सैनिक भी मारे गए थे।

नवाज का झूठ कैसे पकड़ा गया?

एक टीवी चैनल के इन्वेस्टिगेशन एडिटर ने पीओके में पुलिस की स्पेशल ब्रांच के एसपी गुलाम अकबर को फोन किया। गुलाम अकबर ने समझा कि वह अपने आईजी मुश्ताक से बात कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने उस रात की सारी सच्चाई बयान करनी शुरू कर दी।

एसपी ने पत्रकार को बताया कि पाकिस्तानी सेना को भारत की ओर से हमले का अंदेशा नहीं था। ऐसे में उसके पांच जवान मारे गए। साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक में ढेर हुए आतंकियों की लाशें भी पाकिस्तानी सेना ने वहां से तुरंत हटा दी।

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किन इलाकों में हमले की बात मानी?

गुलाम अकबर ने पत्रकार को बताया कि भारती सेना के जवानों ने भिंबर के समाना, पुंछ के हजीरा, नीलम के दुधनियाल और हथियन बाला के कयानी में सर्जिकल स्ट्राइक की थीं। उन्होंने ये भी बताया कि पाकिस्तानी सेना ने हमले के तुरंत बाद इन इलाकों में आम लोगों का आना-जाना बंद कर दिया।

एसपी गुलाम अकबर ने ये भी बताया कि लाशों को पाकिस्तानी सेना एंबुलेंसों में डालकर ले गई। उन्हें गांवों में दफनाया गया। उस दौरान स्पेशल ब्रांच के पुलिसवाले ही ताबूतों की देखरेख कर रहे थे।

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किस वक्त हुआ था हमला?

एसपी गुलाम अकबर ने टीवी चैनल से कहा, "सर, उस रात को करीब 3-4 घंटे, रात के 2 बजे से सुबह 4-5 बजे तक, इसी बीच हमला हुआ। अलग-अलग इलाकों में कई जगह हमले हुए। कुछ जगह भारतीय जवानों को विरोध का भी सामना करना पड़ा। सर, सेना उन्हें (आतंकियों को) लाती है। उनके ही हाथ में सबकुछ है।"

गुलाम अकबर ने ये भी कहा कि मरने वाले आतंकियों की सही संख्या वह नहीं बता सकते क्योंकि पाकिस्तान की सेना पुलिस और स्थानीय प्रशासन को भी जेहादियों के बारे में जानकारी नहीं देती है।

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