जाट आंदोलन में बड़े अफसरों ने की कोताही, प्रकाश सिंह ने सौंपी रिपोर्ट

Update: 2016-05-13 07:23 GMT

चंडीगढ़ः यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह कमेटी ने जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और ड्यूटी में कोताही बरतने वाले अफसरों पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सीएम मनोहर लाल खट्टर को कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी। इसमें कई पुलिस अफसरों पर काम में कोताही बरतने का आरोप है। ज्यादातर मामले रोहतक जिले के हैं। प्रकाश सिंह ने कहा है कि अगर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तो सही संदेश नहीं जाएगा।

प्रकाश सिंह ने क्या कहा?

-रिपोर्ट में जाति के आधार पर कोई विश्लेषण नहीं किया गया।

-हरियाणा में हुई घटनाएं दुखी करती हैं।

-जांच कमेटी रोहतक, झज्जर, जींद, हिसार, कैथल, भिवानी, सोनीपत और पानीपत गई।

-जांच की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है, दो वॉल्यूम्स में रिपोर्ट सौंपी है।

-कमेटी रिपोर्ट का दूसरा वॉल्यूम गोपनीय है, इसके बारे में सरकार चाहे तो बताएगी।

अफसरों पर उठी है उंगली

-प्रकाश सिंह कमेटी ने कई अफसरों की भूमिका पर उंगली उठाई है।

-कई आईएएस और आईपीएस के बारे में कमेटी ने प्रतिकूल टिप्पणी की है।

-90 अफसरों पर कमेटी ने टिप्पणी की, इनमें से एक-तिहाई रोहतक के हैं।

-कमेटी ने दंड देने का जिम्मा राज्य सरकार पर छोड़ दिया है।

पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल उठाए

-पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने देश की पुलिस व्यवस्था को जर्जर बताया।

-पुलिस सुधार पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं प्रकाश सिंह।

-बड़ी चुनौती मिलने पर अफसर अपेक्षा के मुताबिक कदम नहीं उठा पाते।

-इसका बड़ा उदाहरण हरियाणा में देखने को मिला है।

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