नई दिल्ली: रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर अगले 6 साल में बनकर तैयार हो जाएगा। प्रभु ने कहा, हाई-स्पीड ट्रेन का प्रोजेक्ट कॉस्ट-इफेक्टिव होगा। उन्होंने ये भी बताया कि इस ट्रेन का किराया हवाई जहाज के किराए से भी कम होगा।
बुलेट ट्रेन 2 घंटे में तय करेगी 508 किमी की दूरी
रेल मंत्री ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, हाई-स्पीड ट्रेन का प्रोजेक्ट कॉस्ट-इफेक्टिव होगा। मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के 508 किमी की दूरी लगभग 2 घंटे में पूरा करने की उम्मीद है। तुलनात्मक दृष्टि से दुरंतो एक्सप्रेस इस दूरी को पूरा करने में 7 घंटे का समय लेती है।
इस सवाल का दे रहे थे जवाब
संसद में सवाल ये उठाया गया था कि इस प्रोजेक्ट के लिए बहुत बड़ा फंड दिया गया है। इससे देश के दूसरे हिस्सों के प्रोजेक्ट में बाधा खड़ी हो सकती है। इस पर प्रभु ने कहा, इस फैसले में किसी तरह का क्षेत्रीय पूर्वाग्रह नहीं है। हर राज्य को पहले की तुलना में दोगुना पैसा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 97,636 करोड़ रुपए है। इसका 81 फीसदी हिस्सा लोन के रूप में जापान देगा।
इन 9 रूटों पर चल सकती है सेमी-हाई स्पीड रेल
सुरेश प्रभु ने बताया कि रेलवे ने सेमी हाई स्पीड रेल के लिए 9 कॉरिडोर की पहचान की है। ये कॉरिडोर हैं इस तरह हैं दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-कानपुर, चेन्नई-बंगलुरु-मैसूर, चेन्नई-हैदराबाद मुंबई-गोवा, नागपुर-बिलासपुर, मुंबई-अहमदाबाद, और नागपुर-सिकंदराबाद।