पटना : बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शक्ति प्रदर्शन और विपक्ष की एकता दिखाने के तौर पर रविवार को पटना के गांधी मैदान में बुलाई गई 'भाजपा भगाओ-देश बचाओ' रैली में विपक्ष के तमाम दिग्गज जुटे।
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इस रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित छह पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा असली जद (यू) साथ होने का दावा करने वाले पूर्व अध्यक्ष शरद यादव भी पहुंचे और लालू के गले मिले। रैली में शामिल सभी नेताओं ने एक सुर में केंद्र की नरेंद्र मोदी और बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधा। सभी नेताओं ने देश से भाजपा को उखाड़ फेंकने का संकल्प दोहराते हुए विपक्षी एकता को मजबूत करने पर बल दिया।
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राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने रैली में आए हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास न कोई सोच है, न ही सिद्धांत और न ही कोई नीति है। उन्होंने कहा, "हम जानते थे कि नीतीश कुमार सही आदमी नहीं हैं, लेकिन देश में ऐसी स्थिति बनी थी, जिसके कारण हमने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया।"
उन्होंने अपने परिवार पर दर्ज मामले को फर्जी बताते हुए कहा कि उन्हें डराने के लिए यह सब मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। इस दौरान लालू ने कहा, "नीतीश को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी से जलन हो गया। नीतीश को दलितों से भी जलन है। एक बार नीतीश मेरे घर आए और कहा कि हमें आशीर्वाद दे दीजिए। इस बार भर मुख्यमंत्री बना दीजिए। हम बना दिए। जब बन गया तो पैंतरा लेने लगा। नीतीश को खतरा था तेजस्वी यादव से।"
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लालू ने नीतीश पर पूरे परिवार को अपमानित करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली जाकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मिलकर सभी मामले दर्ज कराए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आज देश खतरे में है। इस रैली से भाजपा को भगाने की शुरुआत हो चुकी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन तोड़ने का दोषी ठहराते हुए ममता ने कहा, "माल महाराजा का और मिर्जा खेले होली। लालूजी के नाम पर वोट मिला और नीतीश कुमार ने सरकार बना ली भाजपा के साथ। आने वाले दिनों में जनता इसका हिसाब लेगी।"
लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्ष की एकता पर जोर देते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने समान विचार वाले सभी दलों से संघर्ष जारी रखने के आह्वान किया। उन्होंने कहा, "हमारा संघर्ष जारी रहा, तो भाजपा जरूर भाग जाएगी।"
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इस महारैली में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी शामिल नहीं हुए, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फोन के जरिए रैली को संबोधित किया। पार्टी की ओर से सांसद गुलाम नबी आजाद और पी.सी. जोशी शामिल हुए।
सोनिया ने अपने संबोधन में कहा कि आज जो लोग सत्ता में बैठे हैं, उनका एक ही मकसद देश का विभाजन करना है। देश में ऐसी सरकार चल रही है, जिसे देश की नहीं, सिर्फ अपनी पार्टी की चिंता है।
सोनिया ने कहा कि भारत की विविधता, एकता और धर्मनिरपेक्षता को बचाए रखना है। आज की रैली ने देश में सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एक संदेश दिया है। किसी के नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि बिहार में जो कुछ हुआ है, उससे न केवल जनादेश का अपमान हुआ, बल्कि पूरे देश का अपमान हुआ है।
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जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने विपक्षी दलों की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र जुमलों से नहीं, सच्ची बोली से चलती है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने भले ही बिहार में महागठबंधन से नाता तोड़ लिया, लेकिन अब देश में महागठबंधन बनेगा।
इस रैली को संग्रामी सभा करार देते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 करोड़ रुपये दिए, जबकि मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली सरकार ने 1100 करोड़ रुपये दिए थे। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन पांच साल के लिए बना था, उसे निजी स्वार्थ के लिए तोड़ा गया।
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उन्होंने कहा, "बिहार में महागठबंधन तोड़ने वालों से हमारी कोई लड़ाई नहीं है, महागठबंधन तोड़ने वालों को मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन ये जान लें कि अब पूरे हिंदुस्तान में महागठबंधन बनेगा।"
इस रैली में समाजवादी पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चैधरी ने भी शिरकत की। लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव, मीसा भारती सहित कई नेता भी उपस्थित रहे। तेज प्रताप यादव ने मंच पर शंख मंगाकर शंखनाद किया।
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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रमुख और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी समेत और भी कई नेता मौजूद रहे। इसके अलावा राज्य के कई नेता, विधायक भी इस रैली में शामिल हो रहे। हालांकि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रैली में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
रैली को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश पर जोरदार राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने कहा, "नीतीश हमारे चाचा थे और रहेंगे लेकिन अब वे अच्छे चाचा नहीं हैं।" उन्होंने शरद यादव के जद (यू) को असली जद (यू) बताया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए युवाओं से कहा, "2014 के लोकसभा चुनाव में आप लोग जो 'हर-हर मोदी, घर-घर मोदी' का नारा लगाते थे, वो 'बड़-बड़ मोदी और गड़बड़ मोदी' हैं।"
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तेजस्वी ने कहा, "हमारे प्रिय चाचा नीतीश जी और भाजपा की आज से उल्टी गिनती शुरू हो गई है।"
राजद ने गांधी मैदान की इस रैली को जहां सफल साबित बताया, वहीं भाजपा और जद (यू) ने इस रैली को फ्लॉप करार दिया। इस रैली को लेकर पटना में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। रैली को लेकर पटना की सभी सड़कें राजद के पोस्टर, बैनरों और झंडों से पटा रहा।