नागौर: पिछले 91 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की पहचान बन चुकी खाकी रंग की नेकर अब जल्द की भूरे रंग की पतलून में बदल जायेगी। दरअसल, आरएसएस ने खाकी नेकर को बदलते हुए भूरी पैंट को अपने गणवेश में शामिल कर लिया है।
यह फैसला राजस्थान के नागौर में आयोजित तीन दिवसीय सालाना बैठक में संघ की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने किया।
संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने की घोषणा
-सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, हमने खाकी नेकर की जगह भूरे रंग की पैंट को गणवेश में शामिल करने का निर्णय लिया है।
-हम अड़ियल रुख नहीं रखते और समय के अनुसार फैसले लेते हैं।
-साल 1925 में संघ की स्थापना के बाद से ढीला-ढाला खाकी नेकर संगठन की पहचान रहा है।
-शुरू में 1940 तक संघ के गणवेश में खाकी कमीज और नेकर होते थे, बाद में सफेद कमीज इसमें शामिल हो गई।
‘आज सामाजिक जीवन में पतलून नियमित रूप से शामिल’
-जोशी ने इसे बड़ा बदलाव करार देते कहा कि आज के सामाजिक जीवन में पैंट नियमित रूप से शामिल है और इसी को देखते हुए हमने हमारा फैसला किया।
-संघ पदाधिकारी ने प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा, हमने भूरे रंग पर फैसला किया जिसकी कोई विशेष वजह नहीं है बल्कि यह आराम से उपलब्ध है और अच्छा दिखाई देता है।
-क्या इससे संघ स्वयंसेवकों की पहचान पर कोई असर पड़ेगा, इस प्रश्न पर जोशी ने कहा कि इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा और अगले चार-छह महीने में इसे सहजता से स्वीकार किया जाएगा।