सुप्रीमकोर्टः सुप्रीमकोर्ट ने 2014 के अपने ही फैसले को दोहराते हुए साफ किया है कि गे,लेस्बियन और बायोसेक्सुअल थर्ड जेंडर नही होंगे। सिर्फ ट्रांसजेंडर्स को ही थर्ड जेंडर माना जाएगा।
क्या है मामला ?
-2014 में सु्प्रीम कोर्ट ने थर्ड जेंडर में केवल किन्नरों को रखते हुए कहा था कि उन्हें सामाजिक रूप से पिछड़ा माना जाए।
-और शिक्षा के अलावा नौकरियों में भी उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाए।
-केंद्र सरकार ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से पूछा था कि क्या गे, लेस्बियन, और बायो सेक्सुवल्स को भी थर्ड जेंडर कैटगरी में रखा जाए ?
-इस याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि गे,लेस्बियन और बायोसेक्सुअल थर्ड जेंडर नही होंगे सिर्फ ट्रांसजेंडर्स (किन्नरों) को ही थर्ड जेंडर माना जाएगा।
-2014 में दिए फैसले में सारी बातें साफ कही गई थी फिर भी सरकार अब तक इसे लागू करने में असफल रही है।