Bengal Violence: वक्फ कानून को लेकर बंगाल में हुआ भयंकर बवाल, जमकर हुई हिंसा, पुलिस पर हुआ पथराव, रोकी गईं ट्रेनें
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने सीएम ममता बनर्जी और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही हैं। वक्फ विरोधी हिंसक प्रदर्शनों ने राज्य को ठप्प कर दिया है।;
Violence erupts in Bengal over Waqf act (Photo: Social Media)
Bengal Violence: वक्फ कानून के विरोध में बंगाल में भारी बवाल हो गया है। राज्य के कई क्षेत्रों में भयंकर हिंसा भड़क गई है। सरकार संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिये आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थिति अभी भी काबू से बाहर है। आरोप है कि इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने बम फेंके और पुलिस पर ईंट-पत्थर बरसाए। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
वक्फ अधिनियम के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले में हालात अब भी बेकाबू हैं। इससे पहले रघुनाथगंज के उमरपुर में दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई थी। सुती में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दी गई है, लेकिन इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन रुक नहीं रहे हैं। नेशनल हाईवे-12 को पूरी तरह जाम कर दिया गया है, और ट्रेनों की आवाजाही भी रोक दी गई है। सुती के साजुर चौराहे पर एक सरकारी बस में भी आग लगा दी गई।
वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा
पिछले कुछ दिनों से मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से अशांति की तस्वीरें सामने आ रही हैं। सुती और शमशेरगंज इलाकों से हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। जब प्रदर्शनकारियों ने साजुर चौराहे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को अवरुद्ध करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
भाजपा ने राज्य सरकार पर लगाये गंभीर आरोप
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने सीएम ममता बनर्जी और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही हैं। वक्फ विरोधी हिंसक प्रदर्शनों ने राज्य को ठप्प कर दिया है। मुर्शिदाबाद में कई एक्सप्रेस ट्रेनें रोकी जा रही हैं, यात्री फंसे हुए हैं, डरे हुए हैं और रेल परिसर युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गया है।
उन्होंने आगे कहा, यह पहली बार नहीं है। राज्य ने CAA विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी इसी तरह की अराजकता देखी। और मुख्यमंत्री क्या करती हैं? कुछ भी नहीं। उनकी चुप्पी बहरा करने वाली और निंदनीय है। यह साबित करता है कि यह हिंसा उनके ज्ञान से हो रही है, भले ही उनका सीधा आशीर्वाद न हो। यह शासन नहीं है। यह राजनीतिक लाभ के लिए उग्रवाद के आगे समर्पण है। ममता बनर्जी को इस आपदा के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।