राज्यसभा में सुषमा बोलीं- चीन डोकलाम से पहले अपनी सेना हटाए, फिर भारत हटाएगा
नई दिल्ली: डोकलाम मुद्दे पर चीन के साथ टकराव के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार (20 जुलाई) को संसद में चीन को करारा जवाब दिया। सुषमा ने राज्यसभा में बताया, कि भारत को किन परिस्थितियों में चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना पड़ा। साथ ही सुषमा ने चीन को चेताते हुए कहा, कि 'पहले वो (चीन) डोकलाम सीमा से अपनी सेना हटाए, फिर भारत हटाएगा।' उन्होंने कहा, भारत अपनी सुरक्षा करने में सक्षम है।
बता दें, कि महीने भर से ज्यादा समय हो गया है जब डोकलाम में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। इस मामले का अभी तक कोई हल निकलता नहीं दिख रहा।
भारत अपनी सुरक्षा के बारे में चौकन्ना है
राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से पहला सवाल कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने पूछा। उन्होंने पूछा, कि 'क्या चीन ने हिंद महासागर में अपनी पनडुब्बियों को तैनात किया है। साथ ही ये भी पूछा कि क्या वह भारत की घेराबंदी कर रहा है? यदि ऐसा है तो इस मामले में सरकार क्या कर रही है? इसी सवाल के जवाब में सुषमा स्वराज ने बताया, कि 'भारत की स्थिति दक्षिण चीन सागर के बारे में बिल्कुल साफ है। वहां 'फ्रीडम ऑफ नेविगशन' होनी चाहिए। किसी तरह से व्यापार को बाधित नहीं बनाना चाहिए। विदेश मंत्री ने हिंद महासागर में चीन के भारत को घेरने पर कहा, कि 'ऐसी खबरें आई थीं कि चीन समुद्री ताकत बनना चाहता है। इसके लिए उसने समुद्री सीमाओं के आस-पास सक्रियता बढ़ाई है। उन्होंने कहा, कि भारत अपनी सुरक्षा के बारे में बहुत चौकन्ना है, इसलिए उसे कोई घेर नहीं सकता।'
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हल के लिए प्रतिनिधि तय किए
सिक्किम सीमा पर हुए ताजा विवाद पर जानकारी देते हुए विदेश मंत्री बोलीं, 'भारत और चीन के अलावा चीन तथा भूटान के बीच सीमा तय होनी है। भारत ने इस मामले के हल के लिए प्रतिनिधि तय किए हैं।' सुषमा के मुताबिक, सीमा तय किए जाने का मामला देशों को आपस में सुलझाना होता है। लेकिन एक जगह ऐसी थी, जिसे 'ट्राइजंक्शन' कहते हैं। इसे लेकर 2012 में समझौता हुआ था। भारत, चीन और तीसरा देश यानी भूटान मिलकर सीमा तय करेंगे।' विदेश मंत्री के मुताबिक, इसके बाद, चीन बीच-बीच में इस क्षेत्र में आता रहा और उसकी हल्की-फुल्की गतिविधियां जारी रहा। हालांकि, इस बार चीनी सेना बुलडोजर और भारी साजो-सामान लेकर पहुंच गई।