नई दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने कैबिनेट सहयोगी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ ऑनलाइन इस्तेमाल किए गए अपशब्दों की निंदा की। राजनाथ नरेंद्र मोदी सरकार के पहले मंत्री हैं, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों के दौरान सुषमा स्वराज के खिलाफ सोशल मीडिया पर शुरू किए गए ट्रोल के खिलाफ बोला है।
राजनाथ ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सुषमा स्वराज ने अपने खिलाफ ट्रोल के बारे में जैसे ही ट्वीट किया, तत्काल मैंने फोन पर उनसे बात की।
सुषमा स्वराज को इसलिए ट्रोल किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने लखनऊ के एक अंतरधार्मिक दंपति को उनके आवेदन प्रक्रिया के दौरान प्रताड़ित करने वाले एक पासपोर्ट अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया था।
सुषमा ने शनिवार रात अपने 1.18 लाख फालोवर्स से एक ट्विटर सर्वेक्षण के जरिए पूछा था कि क्या वे इस तरह की ट्रोलिंग को सही मानते हैं।
कोई 124,305 ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने सर्वेक्षण में हिस्सा लिया, जो 24 घंटों के लिए ऑनलाइन था। इनमें से 57 प्रतिशत प्रतिभागियों ने उनका समर्थन किया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 43 प्रतिशत ने उनके ट्रोल्स का समर्थन किया।
सुषमा ने सर्वेक्षण के बाद रविवार को ट्वीट किया, "किसी लोकतंत्र में मतभेद स्वाभाविक हैं। आलोचना कीजिए, लेकिन भद्दी भाषा का इस्तेमाल मत कीजिए। शालीन भाषा की आलोचना हमेशा अधिक प्रभावी होती है।"
उनके पति स्वराज कौशल ने एक ट्रोल के भावुक जवाब में कहा कि ट्विटर उपयोगकर्ता के कठोर शब्दों ने उनके परिवार को असह्य पीड़ा पहुंचाई है। कौशल ने बाद में अपने सभी ट्वीट्स को सुरक्षित कर लिया था। जब उनके ट्विटर खाते को खोलने की कोशिश की गई, तो एक संदेश आया कि इस खाते के ट्वीट सुरक्षित कर लिए गए हैं, और सिर्फ कन्फर्म्ड फॉलोअर ही उनके खाते तक पहुंच सकते हैं।
कांग्रेस ने सुषमा के बयान पर तत्काल प्रतिक्रिया दी, "जो परिस्थिति या कारण हैं, मायने नहीं रखता, धमकी भरे, अपमानजनक और अपशब्द के काल्स भी मायने नहीं रखते। सुषमा स्वराज जी, खुद की पार्टी के ट्रोल्स को जघन्य कहने के आपके निर्णय की हम प्रशंसा करते हैं।"
जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कहा कि सोशल मीडिया पर सुषमा स्वराज को इस तरह ट्रोल किए जाने से वह हतप्रभ हैं, और उन्होंने इसे अपमानजनक बताया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके पति स्वराज कौशल को ट्वीट किया और कहा, "महोदय, इन लोगों को समझाइए नहीं। हर कोई जानता है कि उन्हें कौन नियंत्रित कर रहा है और यह कहां से आ रहा है। यह राजनीति है। लेकिन दुखद पक्ष यह है कि राजनीति इतनी गंदी हो गई है।"