नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सुझाव दिया है कि मीडिया को सरकार से उनका वह जवाब जारी करने के लिए कहना चाहिए जो उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा था। सोनिया ने उनसे कथित रूप से आरोपों को देखने के लिए कहा था कि उस निजी फर्म 'फर्स्ट ग्लोबल' को परेशान किया जा रहा है जो तहलका का वित्तीय पोषण करती है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया खबर अनुसार, उनके हाथ एक पत्र लगा है, जो साल 2004 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को लिखा था। इस पत्र में 'तहलका' की वित्त पोषण (फाइनैंसर) प्राइवेट कंपनी 'फर्स्ट ग्लोबल' के खिलाफ जारी जांच को लेकर निर्देश दिए गए थे। बता दें, कि उस समय तरुण तेजपाल तहलका पत्रिका के संपादक थे जो इस वक़्त रेप और यौन शोषण मामले में जेल में बंद हैं।
पत्र के 6 दिन बाद हटा ली गई थी जांच
इस पत्र से हितों के टकराव का मामला सामने आ रहा है। सोनिया गांधी के पी. चिदंबरम को पत्र लिखने के चार दिन बाद यूपीए सरकार ने मंत्रियों के एक समूह का गठन किया। पत्र के 6 दिन बाद 'फर्स्ट ग्लोबल' के खिलाफ जांच हटा ली गई।
अटल सरकार ने दिए थे जांच के आदेश
प्राइवेट कंपनी 'फर्स्ट ग्लोबल' के प्रमोटर्स शंकर शर्मा और देविना मेहरा ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसके जवाब में सोनिया ने चिदंबरम को पत्र लिखा था। इसके अगले दिन चिदंबरम ने ईडी और सीबीडीटी के प्रमुखों को उनसे मिलने को कहा। तहलका की कार्यशैली को लेकर प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा था। जांच के ये आदेश तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने दिए थे।
चिदंबरम- पत्र पर टिप्पणियां सही हैं
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने माना है, कि पत्र पर उनकी टिप्पणियां सही हैं। उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे सोनिया गांधी द्वारा लिखे एक पत्र की प्रति दिखाई गई, जिसमें 'फर्स्ट ग्लोबल' के लेटर को आगे बढ़ाया गया था। पत्र पर मेरी टिप्पणियां सही हैं। मुझे यकीन है कि मंत्रालय की तरफ से मैंने जो भी मैटेरियल रहा होगा, उसी आधार पर उत्तर भेजा होगा। सोनिया गांधी के पत्र और मेरे उत्तर को एक साथ पढ़ा जाना चाहिए।'