आगरा: जहां एक ओर यूपी की योगी सरकार एनकाउंटर्स को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं एनकाउंटर को लेकर एक टीवी चैनल द्वारा कराए गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
इस स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया गया है कि किस तरह यूपी पुलिस ठेके लेकर एनकाउंटर कर रही है। न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में सोमवार को बसई जगनेर के इंस्पेक्टर और दारोगा खुलकर डील करते नजर आए। कोई क्रिमिनल रिकार्ड हो या नही पैसे दो मार गिराएंगे।
इसके बाद डीजीपी के निर्देशानुसार आगरा कप्तान अमित पाठक ने इंस्पेक्टर और दो सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं।
बसई जगनेर थाना प्रभारी जगदंबा सिंह स्टिंग ऑपरेशन में एनकाउंटर करने के लिए खुलकर बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि कप्तान के कहने पर सब कुछ होता है। वो कहेंगे तो किसी को भी टपका देंगे। उन्हीं के थाने के सब
इंस्पेक्टर बलवीर सिंह बैरक में बैठकर फर्जी एनकाउंटर की बात कर रहे हैं।
पहले तो वो शूटर को सुपारी देने की बात कहते हैं। इसके बाद खुद ही बदमाश को टपकाने का ठेका लेने लगते हैं। तीसरा स्टिंग ऑपरेशन चित्रहाट थाने का है। यहां के सब इंस्पेक्टर सर्वेश कुमार भी फर्जी एनकाउंटर के लिए तैयार
हो जाते हैं। वो तो बैंक डकैती, लूट और हत्या में फंसाने का भी ठेका लेने की बात करते हैं। यह मामला सामने आने के बाद तीनों को निलंबित कर दिया गया है।
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जांच एसपी पूर्वी नित्यानंद को सौंपी गई है। दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी भी हो सकती है।
पुलिस एनकाउंटर की पोल खोलने वाला वीडियो सामने आने के बाद पुलिस अफसर सफाई देने लगें है। एडीजी क़ानून व्यवस्था आनन्द कुमार ने सफ़ाई दी।
एडीजी लॉ एंड आर्डर, यूपी, आनन्द कुमार ने बताया कि मीडिया के माध्यम से एक विडियो मेरे संज्ञान में लाया गया है, जिसमें एक पुलिस कर्मी द्वारा तमाम तरह की अनर्गल बातें गैरजिम्मेदाराना तरीके से कही गई है। उसमें एक व्यक्ति द्वारा यह भी कहा गया है कि पैसे लेकर किसी को भी फंसाया जा सकता है। इस विडियो में जो आचरण पुलिस का दिखाई दे रहा है वह पुलिस के मर्यादा के विपरीत है, इसका तत्काल संज्ञान लेते हुए इन तीनों पुलिस कर्मियों के निलम्बन की कार्रवाई की गई है। विभागीय कार्रवाई एसपी रूरल आगरा नित्यानंद को दी गई है। ये भी विचार किया जा रहा है की किसी भी प्रकार के आईपीसी के सेक्शन का उल्लंघन हो रहा है की नहीं यदि ऐसा कुछ पाया जाता है तो इनके खिलाफ मुकदमा भी लिखा जा सकता है। यूपी पुलिस जिस तेजी के साथ अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उसके साथ ही हमारा ये भी प्रयास रहता है कि हम वर्दी में छिपे इन जैसे लोगों की पहचान करे ताकि आने वाले समय में जिस भी स्रोत्र से हमें इस तरह के लोगों की जानकारी मिलेगी उन्हें खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।