ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं, बच्चों की बंद सांसों पर सरकार की सफाई
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौतों पर सफाई दी है।
गोरखपुर: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोरखपुर के बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौतों पर सफाई दी है। सरकार इस मामले में अब लीपापोती करने में लगी है और अपना दामन पाक साफ करना चाहती है। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने शनिवार (12 अगस्त) को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि हमारी सरकार संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि मौत की वजह सिर्फ ऑक्सीजन गैस की कमी नहीं है। इसके कई कारण हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सस्पेंड
योगी सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्याक्षता में कमेटी गठित होगी। पूरे मामले की जांच की जाएगी। दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
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गैस सप्लाई के बारे में किसी ने नहीं बताया
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि हर पहलू को देखा और उसको समझने का प्रयास किया गया है। इसके अंदर एक चीज और सामने आई है। सीएम योगी 9 जुलाई को बीआरडी मेडिकल कॉलेज आए थे। सबसे विस्तार से चर्चा की थी। 9 अगस्त को भी आए थे। मगर एक विषय जो सामने आना चाहिए था गैस सप्लाई का, उसका विषय किसी ने सामने नहीं रखा था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बिहार, नेपाल और अन्य जगहों से मरीज आते हैं।
मंत्री के मुताबिक 23 मौतें
सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि हमने आंकड़े भी देखने की कोशिश की है क्योंकि 20 से 23 बच्चों के मरने की खबर आई है वो चौंकाने वाला मामला है।
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आंकड़े गिनाने लगे मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि ये सरकार संवेदनशील है और एक बच्चे की मौत की जांच की वजह भी हमारे लिए बड़ी है। हम 23 मौतों को कम आंकने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। 2014 से आंकड़े निकलवाए हैं। अगस्त के महीने में बच्चों की मौतें 19 प्रतिदिन होती है। 2015 में 22 और 2016 में प्रतिदिन 19 से ज्यादा है। इसका ये मतलब ये नहीं है कि हम इसे कम आंक रहे हैं पर आगे का निष्कर्ष निकालने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौतों का आंकड़ा 17 से 18 निकलता है क्योंकि बच्चे यहां कई जगहों से आते हैं।
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गैस सप्लाई से बच्चों की मौत नहीं हुई
मंत्री ने बताया कि हमने गैस सप्लाई का विषय भी देखा। 7.30 बजे लिक्विड गैस सप्लाई आती है। वो लो होती है तो मीटर बीप करता है। 7.30 बजे वो बीप किया लेकिन साथ में ये व्यवस्था भी रहती है कि जो गैस सिलिंडर का स्विच चेंज कर देंगे जिससे सप्लाई आने लगती है। उन्होंने बताया कि लिक्विड गैस की सप्लाई बंद थी लेकिन अल्टरनेट गैस की सप्लाई चालू हो गई थी। उन्होंने बताया कि 11.30 से 1.30 बजे तक गैस की सप्लाई लो थी। 10 तारीख को सुबह 7.30 से 10.05 बजे तक 7 बच्चों की मौत हुई, लेकिन ये मौतें गैस सप्लाई के कारण नहीं हुई थी। इनमें कई मौत एईएस, इंफेक्शन, लीवर फेल के कारण हुई थी। हम निष्कर्ष पर आए हैं कि गैस सप्लाई से बच्चों की मौत नहीं हुई है।
मंत्री ने बताया कि सप्लाई लो होने पर ये पता चला है कि डीलर का भुगतान नहीं हुआ था। इसका पत्र दिया गया था। इसके बाद 5 तारीख को बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल के खाते में भुगतान भेजा गया था। जो उनके मुताबिक उन्हें 7 तारीख को मिला। डीलर का कहना है कि उसको भुगतान 11 तक मिला।