नई दिल्ली : ओडिशा सरकार ने कहा कि लंबी दूरी के धावक बुधिया सिंह कहीं खोया नहीं है। उसके अगले चार दिन में यहां स्पोर्ट्स हॉस्टल में लौटने की संभावना है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बुधिया कहीं गुम हो गया है। खेल एवं युवा मामलों के सचिव शास्वत मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, 'बुधिया सिंह की मां ने स्थानीय खबरिया चैनल को बताया कि वे नयागढ़ में हैं। हम उनके दो से चार दिन के अंदर स्पोर्ट्स हॉस्टल में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।
शास्वत मिश्रा ने कहा, बुधिया पिछले महीने गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्पॉर्ट्स हॉस्टल नहीं लौटा। बुधिया के अलावा आठ और खिलाड़ी भी हॉस्टल नहीं पहुंचे। ये कलिंगा स्टेडियम में स्थित साई हॉस्टल के खुलते ही 15 दिन के अंदर वापस आ जाया करते थे लेकिन इस बार बुधिया न तो हॉस्टल लौटा और न ही स्कूल में मिला। हॉस्टल के अधिकारियों ने झुग्गी बस्ती स्थित उनके घर में पत्र भेजा। हॉस्टल के चार कोचों ने बुधिया की मां के घर का भी दौरा किया। मिश्रा ने कहा, 'हमारे कोचों ने बुधिया के बड़ी बहन से मुलाकात की। उसने बताया कि वे भुवनेश्वर से बाहर हैं।'
साल 2006 में चार साल की उम्र में पुरी से भुवनेश्वर के बीच 60 किमी की दौड़ लगाने वाले 'वंडर किड' बुधिया सिंह स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) हॉस्टल से लापता हो गए हैं। बुधिया भुवनेश्वर के डीएवी स्कूल में नौवीं के छात्र हैं। गौरतलब है कि बुधिया गर्मी छुटि्टयों के अंत में पिछले महीने साई हॉस्टल आए थे।
घर से नहीं आया पत्र का जवाब
-एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक, बुधिया की कोच रूपनिता पांडा ने बताया कि उन्होंने पिछले महीने बुधिया की मां को दो पत्र भेजे थे।
-लेकिन कोई जवाब नहीं आया कि बुधिया कहां है।
-उसकी मां भुवनेश्वर के सलियासाही झुग्गी में रहती हैं।
-बुधिया की बड़ी बहन ने बताया कि उसका भाई अपने चाचा के घर गया था।
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साई हॉस्टल में नहीं रहना चाहता था बुधिया
-उल्लेखनीय है कि छोटी उम्र में लंबी दौड़ से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को देखते राज्य सरकार ने बुधिया के मैराथन दौड़ में शामिल होने पर रोक लगा दी थी।
-सितंबर 2007 में बुधिया को साई हॉस्टल भेजा गया था।
-हालांकि उसके पूर्व कोच बिरंची दास चाहते थे कि वह ओलंपिक्स के मैराथन में दौड़े।
-राज्य सरकार साई हॉस्टल में बुधिया की शिक्षा, कपड़े और खाना पीना का खर्च उठाती है।
-बावजूद इसके बुधिया वहां रहना नहीं चाहता है।
केवल डेढ़ किमी दौड़ने से था नाखुश
-इसी साल अप्रैल में बुधिया ने कहा था कि वह हॉस्टल छोड़ने के लिए बेचैन है।
-कोच ने स्पीड बढ़ाने को कहा था, लेकिन उसे नहीं लगता है कि इससे उसे कितनी मदद मिलेगी।
-उसने कहा कि वह हॉस्टल में केवल डेढ़ किलोमीटर दौड़ता है।
-वह तेज धावक की तरह नहीं दौड़ना चाहता है लेकिन ऐसा उसे करने के लिए कहा जाता है।
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बुधिया घंटों दौड़ना चाहता हैं
-बुधिया ने कहा था कि वह चाहता है कि उसे मैराथन दौड़ के लिए विशेष प्रशिक्षण मिले।
-उसने विश्वास जताया था कि वह मैराथन में दौड़ने के लिए पैदा हुआ है।
-वह अब भी बिना थके घंटों दौड़ सकता है।
-उसे हॉस्टल में जेल जैसा लगता है। वह हॉस्टल छोड़ना चाहता है।