100 दिन में गड्ढों से मुक्ति नहीं दिला पाई योगी सरकार, योजना बनाकर थपथपा रहे पीठ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने के तुरंत बाद यूपी की सड़कों को 45 दिन (15 जून) में गड्ढामुक्त करने का दावा किया था।
लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने के तुरंत बाद यूपी की सड़कों को 45 दिन (15 जून) में गड्ढामुक्त करने का दावा किया था। लेकिन सरकार अपने 100 दिन के कार्यकाल में भी राज्य की सड़कों को गड्ढों से मुक्ति नहीं दिला पाई है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सरकार के सौ दिन के कार्यकाल पर जारी रिपोर्ट कार्ड में भी दर्ज है। '100 दिन विश्वास के' नाम की पुस्तिका में सड़कों के निर्माण को लेकर जो दावे किए गए हैं, वह निर्माण के ऐसे प्रस्ताव हैं, जिन पर सिर्फ अभी सैद्धांतिक तौर पर सहमति बनी है जो सिर्फ निर्देशों तक सीमित हैं, जमीं पर उतरे ही नहीं।
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योजना बनाकर थपथपा रहे पीठ
पुस्तिका में बताया गया है कि 1.21 लाख किमी. गड्ढामुक्त सड़कों में से लगभग 80 हजार किमी. सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है। इसमें अकेले लोक निर्माण विभाग की 72 हजार किमी. सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है पर काम अभी भी शेष है। इसके अलावा पिछली सरकारों ने बुंदेलखंड की प्यास बुझाने को कई योजनाएं बनाई और वादे किए। लेकिन उसके लागू करने में हीला हवाली के चलते आज भी समस्या जस की तस है। योगी सरकार ने एक बार फिर इस समस्या को हल करने की योजना बनाई है और उसी पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। रिपोर्ट कार्ड में एक बार फिर सिर्फ योजनाएं गिनाई गई हैं।
गिनाई गई ऐसी उपलब्धियां जो जमीं पर उतरी ही नहीं
-केंद्रीय मार्ग निधि योजना के तहत राज्य को 10 हजार करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान किए जाने पर सहमति।
-बुंदेलखंड के विकास को झांसी से जालौन-उरई-बेला होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे तक 6 लेन के राष्ट्रीय मार्ग पर केंद्र से सहमति प्राप्त।
-झांसी-चित्रकूट-इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन में बदलने की केंद्र से सहमति प्राप्त।
-गोवर्धन के विकास को नए राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण-भारत सरकार से सहमति प्राप्त।-गोरखपुर में दो राष्ट्रीय मार्गों को जोड़कर 1,500 करोड़ रुपए की लागत से 30 किमी. लंबे बाईपास के निर्माण की सहमति।
-इलाहाबाद महानगर में 4,500 करोड़ रुपए की लागत से 76 किमी. लंबे इनर रिंग रोड के निर्माण की सहमति।
-इलाहाबाद महानगर में गंगा नदी पर 2,460 करोड़ रुपए की लागत से चार किमी. लंबे छह लेन सेतु के निर्माण की सहमति।
-लखनऊ महानगर में 7 मार्गों पर एलिवेटेड मार्ग के निर्माण को सहमति।
-कानपुर, मेरठ, बरेली और मुरादाबाद में 10,900 करोड़ रुपए की ला गत से बाईपास/रिंग मार्गों के निर्माण की सहमति।
-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को अयोध्या से जोड़ने के लिए एक लिंक मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी।
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जब बजट नहीं तो पुस्तिका कैसी ?
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि यह रिपोर्ट कार्ड तो किसी ने मांगा भी नहीं था। जब एक कदम चले ही नहीं, बजट नहीं, योजना नहीं तो फिर पुस्तिका कैसी ?