Independence Day Poem: खड़े हो जाएंगे रोएं-रोएं, स्वतंत्रता दिवस पर पढ़ें इन कविताओं को

Swatantrata Diwas Par Kavita: इस साल भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाएगा। यहां पढ़ें देशभक्ति से भरी कुछ कविताओं को।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-14 05:27 GMT

Independence Day (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

15 August Independence Day Poem in Hindi 2024: 15 अगस्त, 1947 का दिन भारत के इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। ये वही दिन है, जब देश को लंबी लड़ाई के बाद ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली थी। ऐसे में इस दिन को स्वतंत्रता दिवस (Swatantrata Diwas) के तौर पर पूरे देशभर में बेहद उत्साह और धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इस मौके पर सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में फंक्शंस होते हैं। तिरंगा फहराकर, राष्ट्रगान गाया जाता है और आजादी की लड़ाई में सहयोग देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को याद किया जाता है।

इस साल भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाएगा। 15 अगस्त आने में मात्र एक दिन ही बचा है। आज हम आपके साथ कुछ देशभक्ति से भरी और दिल को छू लेने वाली स्वतंत्रता दिवस की हिंदी कविताओं (Swatantrata Diwas Kavita In Hindi) को साझा करने जा रहे हैं। जिसे आप अपने स्कूल या कॉलेज में प्रस्तुत कर सकते हैं। साथ ही अपने व्हॉट्सएप पर भी स्टेटस भी लगा सकते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर कविताएं (Swatantrata Diwas Par Kavita Hindi Mein)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1- देखो बच्चों झंडा प्यारा, तीन रंगों का मेल है सारा,

सदा रहे यह झंडा ऊंचा, आकाश को रहे यह झंडा छूता,

सदा करो तुम इसका मान, कभी ना करना इसका अपमान,

झंडा ही है देश की शान, बना रहे यह सदा महान।

2- नन्हे-नन्हे, प्यारे-प्यारे, गुलशन को महकाने वाले,

सितारे जमीन पर लाने वाले, हम बच्चे हैं हिंदुस्तान के।

नए जमाने के दिलवाले, तूफ़ानों से ना डरने वाले

कहलाते हैं हिम्मत वाले, हम बच्चे हैं हिंदुस्तान के।

चलते हैं हम शान से, बचाते हैं हम द्वेष से,

आन पे हो जाएं कुर्बान, हम बच्चे हैं हिंदुस्तान के।

3- जहाँ मन भयमुक्त हो और सिर ऊँचा हो

जहाँ ज्ञान मुक्त हो

जहाँ दुनिया को टुकड़ों में नहीं तोड़ा गया हो

संकीर्ण घरेलू दीवारों द्वारा

जहाँ शब्द सत्य की गहराई से निकलते हैं

जहाँ अथक प्रयास पूर्णता की ओर अपनी भुजाएँ फैलाता है

जहाँ तर्क की स्पष्ट धारा ने अपना रास्ता नहीं खोया है

मृत आदत की सुनसान रेगिस्तानी रेत में

जहाँ मन को तुम्हारे द्वारा आगे बढ़ाया जाता है

सदैव व्यापक विचार और क्रिया में

स्वतंत्रता के उस स्वर्ग में, मेरे पिता, मेरे देश को जगाओ।

4- हमारा देश ऋषियों की भूमि है,

जो सदियों से वीरता के लिए जाना जाता है।

कोई भी इसका मुकाबला नहीं कर सकता,

इसकी संस्कृति को कोई हरा नहीं सकता।

चाहे कोई भी जाति या धर्म हो,

सभी यहाँ एक साथ रहते हैं।

नदियों, मीठे झरनों,

यह ऊँचे पहाड़ों की भूमि है।

इसके हरे-भरे जंगल सुंदर हैं,

और समृद्धि का स्रोत हैं।

आइए इसके लिए कड़ी मेहनत करें,

इसकी सुरक्षा के लिए, सतर्क रहें।

5- सारे जहाँ से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा

हम बुलबुलें हैं उसकी, वो गुलसिताँ हमारा।

परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का

वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा।

गोदी में खेलती हैं, जिसकी हजारों नदियाँ

गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा।

मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना

हिंदी हैं हम वतन है, हिंदुस्तान हमारा।

6- मेरे भारत की महिमा तो, सभी देवों ने मानी है

तभी तो जन्म लेने की, इसी भूमि पर ठानी है।

यहां श्री राम की मर्यादा , महाभारत की कहानी है

तो आयें साथ मिलकर सब, हमें संस्कृति बढ़ानी है।

महात्मा बुद्ध से त्यागी, महावीर से ज्ञानी है,

यशोधरा का विरह है तो, पन्ना की कुर्बानी है।

करूं वर्णन मैं भारत का तो कम लगती कई सदियां,

यहां पुरुषों में नारायण, तो नारी में भवानी है।

7- हम बच्चे मतवाले हैं, हम चांद को छूने वाले हैं।

जो हम से टकराएगा, कभी ना वो बच पाएगा।

हम भारत माता के प्यारे, देश के राज दुलारे हैं।

आजादी के रखवाले हम, नये युग का आगाज हम।

देश का नाम सदा करेंगे, तिरंगे की शान रखेंगे,

अपना जीवन हम सब देश के नाम करेंगे।

हम बच्चे मतवाले है, हम चांद को छूने वाले हैं।

8- भारत माँ के अमर सपूतों, पथ पर आगे बढ़ते जाना,

पर्वत, नदियां और समन्दर, हंस कर पार सभी कर जाना।

तुममें हिमगिरी की ऊँचाई सागर जैसी गहराई है,

लहरों की मस्ती और सूरज जैसी तरुनाई है।

भगत सिंह, राणा प्रताप का बहता रक्त तुम्हारे तन में,

गौतम, गाँधी, महावीर सा रहता सत्य तुम्हारे मन में।

संकट आया जब धरती पर तुमने भीषण संग्राम किया,

मार भगाया दुश्मन को फिर जग में अपना नाम किया।

आने वाले नए विश्व में तुम भी कुछ करके दिखाना,

भारत के उन्नत ललाट को जग में ऊँचा और उठाना।

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