Bharat Ki Pahli Mahila Jasoos: भारत की पहली महिला जासूस, जो रूप बदल कर करती हैं केस को सॉल्व

Bharat Ki Pahli Mahila Jasoos Rajni Pandit: आज हम आपको भारत की पहली महिला डिटेक्टिव के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपना भेष बदलकर केस सोल्व करतीं हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में।;

Report :  Jyotsna Singh
Update:2025-01-29 11:14 IST

Bharat Ki Pahli Mahila Jasoos Rajni Pandit Ki Kahani (Image Credit-Social Media)

India's First Female Detective Rajni Pandit: पैनी नजरें, शातिर दिमाग और गजब की दूरदर्शिता एवं निर्भीकता जैसे अनगिनत गुण एक जासूस में मौजूद होते हैं। आपने जासूसी से जुड़ी किताबें, फिल्में या सीरीज जरूर देखीं होंगी। जिसमें डिटेक्टिव अपनी तेज बुद्धि से चुटकियों में मुश्किल से मुश्किल केस सुलझा लेता है। डिटेक्टिव शब्द से हमारे मन में एक ब्लैक चश्मा और कोट पहने एक आदमी का ख्याल आता है। जासूसी का काम कोई आसान काम नहीं है बल्कि दुनिया में कई ऐसे जासूस हुए हैं, जिन्हें अपने इसी प्रोफेशन का कारण जान से भी हाथ धोना पड़ा है। जिसमें से पहला नाम जूलियस और एथेल रोसेनबर्ग का आता है। दोनों अमेरिका में पैदा हुए और वामपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखते थे। दोनों को परमाणु बम से संबंधित जानकारियां सोवियत रूस तक पहुंचाने के आरोप में मौत की सजा दी गई। जूलियस और एथेल रोसेनबर्ग की मुलाकात सन 1936 में यंग कम्युनिष्ट लीग में हुई थी।

वहीं जासूस मार्गरेट गीर्तोईदा जेले को माता हरी के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें जर्मनी के लिए जासूसी करने के आरोप में फ्रांस में गोलियों से मारा गया था। इसके अतिरिक्त इयान फ़्लेमिंग एक जासूस थे। उन्होंने ही जेम्स बॉन्ड के बारे में उपन्यास लिखे थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वे नौसेना खुफ़िया विभाग में लेफ़्टिनेंट कमांडर थे भी थे। लेकिन आज हम यहां एक भारतीय महिला डिटेक्टिव रजनी पंडित के बारे में बताएंगे। जिनका नाम भारत के प्रसिद्ध जासूसों में शुमार है। आइए जानते हैं रजनी पंडित की जासूसी से जुड़ी उनकी कहानी के बारे में

घर से ही मिला था ऐसा माहौल

India's First Female Detective Rajni Pandit (Image Credit-Social Media)

देश में लेडी जेम्स बॉन्ड के नाम से मशहूर रजनी का जन्म 1962 में महाराष्ट्र के पालघर जिले में हुआ। बचपन से ही उन्हें जासूसी वाले उपन्यास पढ़ना बेहद पसंद था। उस वक्त रजनी को बिल्कुल भी खबर नहीं थी कि एक दिन वो देश की जानी मानी जासूस बनेंगी। रजनी के पिता सीआईडी पुलिस में थे। इस कारण घरेलू वातावरण में भी उन्हें यहीं सब देखने सुनने को मिला। यही वजह थी कि हमेशा से उन्हें क्राइम और रहस्य से जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी एकत्र करने में खास दिलचस्पी थी।

यह था जासूसी से जुड़ा अपना पहला केस

India's First Female Detective Rajni Pandit (Image Credit-Social Media)

साल 1983 में रजनी ने अपनी एक क्लासमेट के व्यवहार को नोटिस करते हुए उस पर जासूसी की थी। तब उन्होंने बड़ी ही चालाकी से यह पता लगाया था कि उनकी क्लासमेट वैश्यावृत्ति में शामिल है। रजनी उस समय मुंबई के रुपारेल कॉलेज से मराठी साहित्य में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहीं थीं। इस तरह रजनी को जासूसी से जुड़ा अपना पहला केस मिला।

नौकरी छोड़कर बनी जासूस

India's First Female Detective Rajni Pandit (Image Credit-Social Media)

रजनी बताती हैं कि उन्होंने आज तक भी कोई स्पाई या डिटेक्टिव की मूवी नहीं देखी। बल्कि ये टेलेंट खून में ही मौजूद था। वे कहती हैं, “कॉलेज के टाइम से ही मैं जॉब करने लगी थी। मैं एक मेडिसिन पैकिंग की कंपनी में नौकरी करने लगी। वहां एक महिला मेरे सामने रोने लगीं कि मेरे घर में शादी का माहौल है और घर पर चोरी होने लगी है। उनके घर में 3 बेटे थे और नई नवेली बहू आई थी। ऐसे में मैंने उन्हें कहा कि आप मुझे ये काम दे दो। जब मुझे जॉब से ब्रेक मिलेगा तब मैं आपका काम करूंगी। मैंने ये काम 15 दिन तक किया। घर पर सारी गतिविधियों पर नजरें रखीं। कुछ दिन जब मैंने नजर रखी तो समझ आया कि उनका एक बेटा था जो घर से निकलकर अपने दोस्त के घर में जाता था। मैंने ये सब उन्हें बता दिया और वो पकड़ में आ गया। “

हालांकि महिला का शक अपनी बहु पर था, मगर असल में उनका बेटा चोरी कर रहा था। केस सॉल्व होने के बाद रजनी को पैसे मिले। इसी के साथ यह रजनी का पहला पेड केस था।

देश की पहली महिला जासूस के पिता थे सीआईडी अधिकारी

India's First Female Detective Rajni Pandit (Image Credit-Social Media)

वे कहती हैं, “मेरे पापा सीआईडी में थे। लेकिन मैं कभी उनके ऑफिस तक में नहीं गई। लोग बस मुझ पर भरोसा करते गए और मैं आगे बढ़ती गई। जब मैंने पापा को पहली बार इस बारे में बताया था तो उन्होंने भी कहा था कि ये कोई सिंपल प्रोफेशन नहीं है तुम्हें बहुत सारी परेशानियों का सामने करना पड़ेगा। लेकिन में डर से रुकी नहीं। मैं बस बढ़ती चली गई। डर शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं है।“ चोरी का केस सॉल्व करने के बाद रजनी पंडित की बहुत तारीफ हुई। लेकिन जब यह बात रजनी के पिता को पता चली, तब उन्होंने जासूसी के खतरे से आगाह किया। हालांकि रजनी की मां ने उन्हें सपोर्ट किया और वो जासूस के तौर पर उभर कर सामने आईं।रजनी का मानना है कि एक डिटेक्टिव अकेला काम नहीं कर सकता है, उसके लिए अच्छी टीम की जरूरत है। टीम का साथ है तो कोई भी केस सुलझाया जा सकता है।

रजनी के लिए सबसे मुश्किल साबित हुई थी मर्डर मिस्ट्री

जासूसी करियर में लेडी जासूस रजनी पंडित को कई मुश्किल केस सुलझाने में सफलता मिली। लेकिन वो मानती हैं कि एक मर्डर मिस्ट्री का केस उनके लिए बेहद मुश्किल था। हालांकि कई मुश्किलों के बाद रजनी ने इस केस को सॉल्व कर लिया।

इस केस के बारे में बात करते हुए रजनी बताती हैं कि वो एक हत्या की गुत्थी थी। जिसमें शहर में एक पिता और पुत्र दोनों की हत्या हो गई थी, कातिल का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। इसका शक एक महिला पर था। रजनी के पास जब ये केस आया तो उन्होंने इसे सुलझाने की ठानी। वह बताती हैं कि, “मुझे केस देखते ही लगा कि इसके तार घर से ही जुड़े हैं। लेकिन उस महिला के घर में कैसे घुसा जाए ये दिक्कत थी। फिर जिस महिला पर हत्या का शक था, उसके घर में मैं नौकरानी बनकर घुसी। मैं उस महिला के घर पर 6 महीने नौकरानी बन कर रही। घर वालों का विश्वास जीता। हालांकि, एक दिन छोटी सी गलती के चलते मैं शक के घेरे में आ गई। रिकॉर्डर का क्लिक बटन आवाज कर गया। जिसके बाद उस महिला ने मेरा बाहर निकलना तक बंद कर दिया। इस दौरान कई महीने बीत गए। एक दिन खुद वो कातिल उस महिला से मिलने उसके घर आया। लेकिन अब दिक्कत थी कि मैं घर से बाहर कैसे जाऊं, ऐसे में मैंने किचन में जाकर चाकू अपने पैर पर गिराया और खून आने लगा। उस महिला ने मुझे बाहर पट्टी कराने भेजा। जिसके बाद मैंने एसटीडी बूथ पर जाकर अपने क्लाइंट को सब बताया। कुछ ही देर में वहां पुलिस पहुंच गई और उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।”

India's First Female Detective Rajni Pandit (Image Credit-Social Media)

लोगों के घर तोड़ने का लगा था इल्जाम

रजनी जासूसी के फील्ड में आई परेशानियों के बारे में बात करते हुए कहती हैं, “चूंकि इस फील्ड में कोई महिला नहीं थी, तो ये बड़ा चैलेंज था। जैसे जब हम कोई नई जूती लेते हैं तो वो खूब आवाज करती है। ऐसे ही जब कोई महिला कुछ नया शुरू करती है तो लोग टीका-टिप्पणी करते हैं। मुझे अक्सर नेता लोग भी कहते थे कि आपको कोई और फील्ड नहीं मिला क्या? या आपने ये क्यों चुना है? एक रिपोर्टर ने तो यहां तक लिख दिया था कि ये दूसरों के पीछे पड़ने वाली औरत है। लेकिन मुझे पता था कि मेरा काम है कि मुझे बस सच्चाई सामने लानी है और सच का साथ देना है। जब मुझे पहले अवार्ड मिलने वाला था तो लोगों ने काफी सवाल उठाए कि इस फील्ड के इंसान को ये देना चाहिए या नहीं? उनका कहना था कि ये दूसरों का घर तोड़ती है। फिर कई लोगों ने मेरा साथ भी दिया।

India's First Female Detective Rajni Pandit (Image Credit-Social Media)

भारत की पहली लेडी डिटेक्टिव होने का मिला खिताब

कई टेढ़े केसों को सॉल्व करने के बाद भारत की पहली जासूस होने का खिताब मिला। हालांकि जब अवार्ड मिला था तब मुझे खुद नहीं पता था कि मैं भारत की पहली महिला जासूस हूं। लोगों ने मुझे जब बताया कि मैं लेडी बॉन्ड हूं या पहली लेडी डिटेक्टिव हूं। धीरे धीरे इस बात पर भरोसा हुआ।

साल 1991 में शुरू की डिटेक्टिव एजेंसी

रजनी पंडित ने अपने करियर में कई केस सॉल्व करने के बाद साल 1991 में अपनी एजेंसी की शुरुआत की, जो रजनी इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के नाम से फेमस हुई। उन्होंने मुंबई के माहिम में एक कार्यालय स्थापित किया और 2010 तक 30 जासूसों को नियुक्त किया। उस दौरान वो करियर के टॉप पर थीं, जहां वो एक महीने में लगभग 20 मामलों पर काम करती थीं।

India's First Female Detective Rajni Pandit (Image Credit-Social Media)

हजारों मामलों को सुलझा चुकी हैं रजनी

रजनी की मानें तो अब तक वो कुल 80,000 मामलों को सुलझा चुकी हैं। रजनी ने जासूसी से जुड़े अनुभवों पर ‘फेसेस बिहाइंड फेसेस’ और मायाजाल नाम की 2 किताबें लिखीं। अपने काम के लिए उन्हें कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है, यही वजह है कि बॉलीवुड में भी उन पर फिल्म बनाई जा चुकी है।

मर्डर से लेकर घरेलू मामलों से जुड़े होते हैं केस

रजनी पंडित बताती उनके मर्डर केस से लेकर घरेलू मामलों से जुड़े यानी हर तरह के केस सुलझाने के लिए आते हैं। जैसे बच्चे कहां जाते हैं, रात में बीवी या पति लेट आ रहा है तो उसकी वजह क्या है और वो इस दौरान कहां रहता है। कंपनी का डुप्लीकेट सामान अगर बाजार में बिक रहा है तो वो किन सोर्सेज से आ रहा है,कोई आदमी लापता हुआ है तो उसकी वजह क्या है, चोरी के केस, शादी ब्याह को लेकर कोई इन्क्वायरी, क्रिमिनल माइंड के लोगों से जुड़ी इन्क्वायरी, किडनैप या हत्या ऐसे केस मिलते रहते हैं।

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