वेजाइना की सफाई के लिए डूशिंग का इस्तेमाल, अमा दिमाग खराब है क्या ?

इंसान को सफाई में रहना और खुद को साफ रखना पसंद होता है और हो भी क्यों न आखिर सफाई की वजह से ही हम बीमारियों से बच सकते हैं। डॉक्टर्स भी हमें सफाई में रहने और खुद को साफ रखने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि हद से ज्यादा सफाई आपके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।

Update:2019-05-21 11:07 IST

लखनऊ : इंसान को सफाई में रहना और खुद को साफ रखना पसंद होता है और हो भी क्यों न आखिर सफाई की वजह से ही हम बीमारियों से बच सकते हैं। डॉक्टर्स भी हमें सफाई में रहने और खुद को साफ रखने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि हद से ज्यादा सफाई आपके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।

जी हां, एक रिपोर्ट के अनुसार यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज ने भी इसके लिए वॉर्न किया है। आप भी जानें आखिर हद से ज्यादा सफाई क्यों है हानिकारक ...

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वेजाइना की सफाई के लिए डूशिंग का इस्तेमाल है हानिकारक

-एक स्टडी के अनुसार 25% महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट (वेजाइना) को साफ रखने के लिए डूशिंग का इस्तेमाल करती हैं।

-इसके लिए वह सेंटेड स्टिक्स, स्प्रे और अन्य मटेरियल्स का यूज करती हैं जिससे उनकी वेजाइना और क्रोच (जांघ और धड़ के जोड़ का क्षेत्र) खुशबूदार बनी रहे।

-जब महिलाएं स्क्वरटिंग क्लेन्जर और अन्य मिक्स्चर का इस्तेमाल अपनी वेजाइना को साफ रखने के लिए करती हैं तो इससे उनका नेचुरल बैलेंस बिगड़ जाता है।

-डूशिंग की वजह से हार्मफुल बैक्टीरिया की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है।

-जो यीस्ट इन्फेक्शन का कारण बनते हैं और इससे बैक्टीरिया यूटरस, फैलोपियन ट्यूब (गर्भाशय नाल) और ओवरी (अंडाशय) में पहुंच जाते हैं।

-जिससे महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का रिस्क अन्य महिलाओं की तुलना में दोगुना हो जाता है।

इन बीमारियों का भी होना पड़ सकता है शिकार

-शोधकर्ताओं नें अपनी स्टडी में यह भी पाया कि इससे फर्टिलिटी में कमी, एचाईवी एड्स और यौन संचारित रोगों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

-एक तिहाई महिलाएं (उम्र 15-44) अपनी वेजाइना को साफ रखने के लिए डूशिंग का इस्तेमाल करती हैं।

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