Mud Plaster: मिट्टी का प्लास्टर, आधुनिक प्लास्टर पद्धति के लिए एक श्रेष्ठ और टिकाऊ विकल्प!

Mud Plaster: भारतीय निर्माण परंपराओं में मिट्टी का प्लास्टर सदियों से प्रयोग किया जाता रहा है, जो न केवल घरों को स्थायित्व और प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।;

Written By :  Shivani Jawanjal
Update:2025-03-16 16:36 IST

Mud Plaster (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Mitti Ka Plaster: वैदिक प्लास्टर भारतीय पारंपरिक निर्माण तकनीकों में से एक है, जो प्राचीन काल से उपयोग में लाई जा रही है। यह प्लास्टर मुख्य रूप से मिट्टी, चूना, गोबर और अन्य प्राकृतिक तत्वों के मिश्रण से तैयार किया जाता है।

आज के दौर में, जब आधुनिक निर्माण तकनीकें तेजी से विकसित हो रही हैं, पर्यावरण-सम्मत और पारंपरिक विधियों को पुनः अपनाने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। इस संदर्भ में, मिट्टी का प्लास्टर (Mud Plaster) एक उत्कृष्ट और टिकाऊ विकल्प के रूप में उभर रहा है। भारतीय निर्माण परंपराओं में मिट्टी का प्लास्टर सदियों से प्रयोग किया जाता रहा है, जो न केवल घरों को स्थायित्व और प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।

मिट्टी का प्लास्टर न केवल दीवारों को ठंडक और वेंटिलेशन प्रदान करता है, बल्कि यह घर के अंदर नमी को नियंत्रित कर एक स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में भी सहायक होता है। यह ऊर्जा की खपत को कम करने में मदद करता है, जिससे तापमान संतुलित रहता है और एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता घटती है।
इस लेख में, हम मिट्टी के प्लास्टर के प्रमुख लाभों, इसकी निर्माण प्रक्रिया और इसके विविध उपयोगों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

मिट्टी का प्लास्टर क्या है (What is Mud Plaster)?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

मिट्टी का प्लास्टर (Mud Plaster) एक पारंपरिक और प्राकृतिक निर्माण सामग्री है, जो मुख्य रूप से मिट्टी, पानी, रेत और कभी-कभी सूखे पत्तों या तिनकों के मिश्रण से तैयार किया जाता है। यह प्लास्टर खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में घरों की दीवारों को मजबूत और सुंदर बनाने के लिए सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होता है और इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता।
मिट्टी का प्लास्टर न केवल टिकाऊ होता है, बल्कि यह घर के तापमान को संतुलित रखने में भी सहायक होता है। यह दीवारों को एक प्राकृतिक चमक और बनावट देता है, जिससे घरों को एक पारंपरिक और सौंदर्यपूर्ण रूप मिलता है। इसके अलावा, यह नमी को नियंत्रित करने की क्षमता रखता है, जिससे घर के अंदर का वातावरण अधिक आरामदायक बना रहता है।
वर्तमान समय में, जब पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, मिट्टी का प्लास्टर एक बेहतर और टिकाऊ विकल्प साबित हो सकता है। यह निर्माण कार्य में लागत को भी कम करता है और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित रहता है, जिससे यह न केवल ग्रामीण बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी लोकप्रिय हो रहा है।

आधुनिक प्लास्टर बनाम मिट्टी का प्लास्टर (Cement Plaster VS Mud Plaster)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

आधुनिक निर्माण में सीमेंट और जिप्सम प्लास्टर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, जो भले ही मजबूत और टिकाऊ होते हैं, लेकिन उनके साथ कई नकारात्मक पहलू जुड़े होते हैं:-
• रासायनिक प्रभाव: सीमेंट और जिप्सम प्लास्टर में कई रसायन होते हैं, जो दीवारों से धीरे-धीरे हवा में मिलते रहते हैं और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
• ऊष्मा अवशोषण: आधुनिक प्लास्टर गर्मी को अवशोषित कर लेते हैं, जिससे घरों का आंतरिक तापमान बढ़ जाता है और एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता बढ़ती है।
• पर्यावरणीय प्रभाव: सीमेंट और जिप्सम के उत्पादन में भारी मात्रा में ऊर्जा की खपत होती है और यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का कारण बनते हैं।
इसके विपरीत, मिट्टी का प्लास्टर एक स्वस्थ, ऊर्जा कुशल और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है:
• रासायनिक-मुक्त: यह पूरी तरह प्राकृतिक होता है और किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों से मुक्त होता है।
• ऊष्मा और आर्द्रता नियंत्रण: मिट्टी प्राकृतिक रूप से गर्मी और नमी को संतुलित करती है, जिससे घरों में एक आरामदायक वातावरण बना रहता है।
• पर्यावरण-अनुकूल: इसका उत्पादन स्थानीय रूप से किया जा सकता है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है और कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।

मिट्टी के प्लास्टर की निर्माण प्रक्रिया (Process of Making Mud Plaster)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

मिट्टी का प्लास्टर एक पारंपरिक लेकिन अत्यधिक प्रभावी निर्माण तकनीक है, जो पर्यावरण के अनुकूल और किफायती होने के साथ-साथ घरों को प्राकृतिक ठंडक प्रदान करता है। इसकी निर्माण प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाता है, जिससे इसकी मजबूती और टिकाऊपन सुनिश्चित हो सके।

1. सामग्री का चयन

मिट्टी के प्लास्टर की गुणवत्ता मुख्य रूप से उपयोग की जाने वाली सामग्री पर निर्भर करती है। इसमें प्रमुख रूप से मिट्टी, रेत, गोबर, चूना, और प्राकृतिक बाइंडर (जैसे गुड़ का घोल या गोंद) शामिल होते हैं। मिट्टी का चयन करते समय यह सुनिश्चित किया जाता है कि उसमें लौह तत्व की पर्याप्त मात्रा हो, जिससे यह अधिक चिपचिपी और टिकाऊ बनी रहे। रेत को सही अनुपात में मिलाया जाता है ताकि प्लास्टर दरारों से बचा रहे। इसके अलावा, यदि दीवारों को अधिक मजबूती और जलरोधक बनाने की आवश्यकता हो, तो गोबर या चूना मिलाया जाता है।

2. मिश्रण तैयार करना

मिट्टी के प्लास्टर का मिश्रण बनाने के लिए सबसे पहले मिट्टी और रेत को एक साथ मिलाया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि मिश्रण में किसी भी प्रकार की अशुद्धियाँ, जैसे कि कंकड़ या सूखी घास, न हों। इसके बाद धीरे-धीरे पानी मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार किया जाता है, जिसे अच्छी तरह गूंथकर कम से कम 12-24 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है, ताकि यह सही तरीके से बंध सके। इस मिश्रण में प्राकृतिक बाइंडर, जैसे कि गुड़ का घोल या गोंद, मिलाने से इसकी मजबूती और पकड़ बढ़ती है। यदि प्लास्टर को अधिक जलरोधक बनाना हो, तो इसमें थोड़ी मात्रा में चूना भी मिलाया जा सकता है।

3. प्लास्टर लगाने की प्रक्रिया

मिट्टी के प्लास्टर को तीन परतों में दीवार पर लगाया जाता है, जिससे यह अधिक टिकाऊ और आकर्षक बनता है।
• पहली परत (बेस कोट/प्राइमरी कोट): यह सबसे मोटी परत होती है, जिसकी मोटाई लगभग 10-15 मिमी होती है। इसे दीवार पर अच्छी तरह से दबाकर लगाया जाता है ताकि यह मजबूत पकड़ बना सके। यदि दीवार कंक्रीट की बनी हो, तो पहले वॉश कोट (स्लरी) लगाया जाता है, जिससे प्लास्टर अच्छे से चिपक सके। इस परत को 24-48 घंटे तक प्राकृतिक रूप से सूखने दिया जाता है।
• दूसरी परत (मिड कोट/लेवलिंग कोट): यह परत पहली परत के सूखने के बाद लगाई जाती है, जिसकी मोटाई 6-10 मिमी होती है। इसका उद्देश्य दीवार को समतल और मजबूत बनाना होता है। यह परत लगभग 3-4 दिनों में सूखती है।
• तीसरी परत (फिनिश कोट): यह अंतिम परत होती है, जिसकी मोटाई लगभग 3-5 मिमी होती है। इसे चिकना और आकर्षक बनावट देने के लिए लगाया जाता है। इस परत में चूना या प्राकृतिक गोंद मिलाने से यह अधिक टिकाऊ और चमकदार बनती है।

4. सुखाने और देखभाल

मिट्टी के प्लास्टर को धीरे-धीरे सूखने देना महत्वपूर्ण होता है, ताकि उसमें दरारें न आएं। गर्मियों में इसे जल्दी सूखने से रोकने के लिए हल्का पानी छिड़का जाता है, जबकि बारिश के मौसम में इसे प्लास्टिक शीट से ढककर सुखाया जाता है। यदि प्लास्टर में सूखने के बाद हल्की दरारें आ जाती हैं, तो उन्हें गीले हाथों से या हल्की ब्रशिंग से ठीक किया जा सकता है। प्लास्टर को और अधिक टिकाऊ बनाने के लिए चूने का वॉश (lime wash) या गोंद मिश्रित पानी लगाया जा सकता है, जिससे इसकी मजबूती और जलरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

5. जलरोधीकरण (Waterproofing Process)

हालांकि मिट्टी का प्लास्टर प्राकृतिक रूप से नमी को संतुलित करता है, फिर भी इसे अधिक जलरोधी बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय किए जा सकते हैं। प्लास्टर के मिश्रण में 15-20% चूना मिलाने से यह अधिक जलरोधक हो जाता है। इसके अलावा, प्लास्टर के सूखने के बाद उस पर लिनसीड ऑयल (Linseed Oil) लगाया जा सकता है, जिससे पानी की अवशोषण क्षमता कम हो जाती है। कुछ मामलों में, फाइनल कोट में गोंद या अंडे के सफेद भाग को मिलाने से भी इसकी जलरोधक क्षमता बढ़ती है।

मिट्टी के प्लास्टर के फायदे (Benefits of Mud Plaster)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

मिट्टी का प्लास्टर एक पारंपरिक निर्माण तकनीक है, जो आधुनिक समय में भी अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए है। यह न केवल पर्यावरण-अनुकूल होता है, बल्कि घरों को प्राकृतिक ठंडक प्रदान करने, ऊर्जा की बचत करने और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होता है। इसके कई अन्य फायदे भी हैं, जो इसे एक टिकाऊ और प्रभावी विकल्प बनाते हैं।

1. पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ (Eco-Friendly & Sustainable)

मिट्टी का प्लास्टर पूरी तरह प्राकृतिक सामग्री से बनाया जाता है, जिससे यह पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। यह जैविक रूप से अपघटित (biodegradable) होता है और निर्माण के बाद कोई विषैले रसायन नहीं छोड़ता। इसके विपरीत, सीमेंट और केमिकल युक्त प्लास्टर्स से पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है।

2. प्राकृतिक तापमान नियंत्रण (Thermal Insulation)

• मिट्टी का प्लास्टर घर के तापमान को प्राकृतिक रूप से संतुलित रखने में मदद करता है।
• गर्मियों में यह घर को ठंडा रखता है, जिससे एयर कंडीशनर और कूलर की आवश्यकता कम हो जाती है।
• सर्दियों में यह दीवारों को गर्म बनाए रखता है, जिससे हीटर की जरूरत कम पड़ती है।
• इससे बिजली की खपत कम होती है और ऊर्जा की बचत होती है।

3. वायु गुणवत्ता में सुधार (Improves Air Quality)

मिट्टी के प्लास्टर में सांस लेने की क्षमता (breathability) होती है, जिससे यह आंतरिक नमी को संतुलित रखता है और घर में ताजी हवा बनाए रखता है। यह वायुमंडलीय नमी को अवशोषित करके दीवारों पर फंगस और सीलन (dampness) बनने से रोकता है। इसके विपरीत, सीमेंट प्लास्टर नमी को कैद कर लेता है, जिससे सीलन की समस्या अधिक हो जाती है।

4. स्वास्थ्य के लिए लाभकारी (Health Benefits)

मिट्टी का प्लास्टर किसी भी हानिकारक रसायन (toxic chemicals) या वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOCs) का उत्सर्जन नहीं करता, जो आमतौर पर सिंथेटिक पेंट और सीमेंट-आधारित प्लास्टर से निकलते हैं। यह एलर्जी, अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए सुरक्षित होता है।

5. नमी नियंत्रण और जलरोधक क्षमता (Moisture Regulation & Water Resistance)

मिट्टी का प्लास्टर हवा में मौजूद नमी को अवशोषित कर सकता है और जरूरत पड़ने पर इसे छोड़ सकता है। इससे घर के भीतर आर्द्रता का सही स्तर बना रहता है। इसे चूना, लिनसीड ऑयल या प्राकृतिक गोंद के साथ मिलाकर अधिक जलरोधक बनाया जा सकता है, जिससे यह बारिश और नमी के प्रभाव को झेलने में सक्षम होता है।

6. लागत प्रभावी (Cost-Effective)

मिट्टी का प्लास्टर बनाने और लगाने में सीमेंट या जिप्सम प्लास्टर की तुलना में कम लागत आती है। इसकी सामग्री स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होती है और इसे तैयार करने के लिए महंगे औद्योगिक संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती। इससे निर्माण लागत में कमी आती है।

7. आसान मरम्मत और रखरखाव (Easy Maintenance & Repair)

यदि मिट्टी के प्लास्टर में कोई दरार आ भी जाए, तो इसे आसानी से गीले हाथों या थोड़े पानी के छिड़काव से ठीक किया जा सकता है। इसके विपरीत, सीमेंट या जिप्सम प्लास्टर की मरम्मत के लिए अतिरिक्त सामग्री और श्रम की आवश्यकता होती है।

8. सौंदर्य और प्राकृतिक बनावट (Aesthetic & Natural Finish)

मिट्टी का प्लास्टर घर की दीवारों को प्राकृतिक और सुंदर रूप प्रदान करता है। इसकी रंगत और बनावट में एक पारंपरिक और कलात्मक आकर्षण होता है, जो किसी भी आधुनिक या ग्रामीण स्थापत्य शैली के साथ मेल खाता है।

9. ध्वनि अवशोषण (Sound Insulation)

मिट्टी का प्लास्टर ध्वनि को अवशोषित करने की क्षमता रखता है, जिससे घर के भीतर शांति बनी रहती है। यह ध्वनि प्रतिध्वनि (echo) को कम करता है, जिससे यह पुस्तकालय, रिकॉर्डिंग स्टूडियो, और योग कक्ष जैसे स्थानों के लिए आदर्श विकल्प बन जाता है।

10. आग प्रतिरोधी (Fire Resistant)

मिट्टी एक प्राकृतिक अग्निरोधी (fire-resistant) सामग्री है। मिट्टी का प्लास्टर दीवारों को आग के खतरे से सुरक्षित रखता है, क्योंकि यह उच्च तापमान को सहन कर सकता है और आग को फैलने से रोकने में सहायक होता है।
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