Sex In Ancient Times: सेक्स के मामले में किसी से कम नहीं थे प्राचीनकाल के लोग, यह पोजीशन रहा है हमेशा से लोकप्रिय

Sex In Ancient Times: सेक्स इतिहासकार केट लिस्टर के अनुसार, ऐसा मानना कि हमारे पूर्वज बेडरूम में बहुत शालीन होते थे, सच्चाई से परे है। जब से यौन जीवन रहा है तब तक मनुष्य अपने यौन जीवन को और बढ़ाने के लिए सेक्स टॉयज बना रहा है।

Newstrack :  Network
Update:2022-06-09 15:20 IST

Sex In Ancient Times: सेक्स के मामले में किसी से कम नहीं थे प्राचीनकाल के लोग। (Social Media)

Sex In Ancient Times: अगर आप सोचते हैं कि सेक्स के मामले में अब लोग ज्यादा उन्मुक्त और स्वच्छन्द हो गए हैं तो ये जान लीजिए कि पुराने जमाने में भी वही सब होता था जो आज हो रहा है। सेक्स इतिहासकार केट लिस्टर (sex historian Kate Lister) के अनुसार, ऐसा मानना कि हमारे पूर्वज बेडरूम में बहुत शालीन होते थे, सच्चाई से परे है। जब से यौन जीवन रहा है तब तक मनुष्य अपने यौन जीवन को और बढ़ाने के लिए सेक्स टॉयज बना रहा है। यूरोप में मध्य युग में सेक्स आश्चर्यजनक रूप से प्रगतिशील था।

प्राचीनकाल के हाथीदांत के डिल्डो से लेकर कछुआ के खोल से बने सेक्स खिलौने मिले

द सन में छपी रिपोर्ट में केट लिस्टर (sex historian Kate Lister) ने बताया कि प्राचीनकाल के हाथीदांत के डिल्डो से लेकर कछुआ के खोल से बने सेक्स खिलौने तक मिले हैं। अब तक खोजे गए सबसे पुराने डिल्डो में से एक 'होहले फेल्स फालुस' है। यह 2005 में जर्मनी में होहले फेल्स गुफा में खोजा गया था और कार्बन डेटिंग से पता चला कि यह 26,000 से 30,000 वर्ष पुराना था। वैसे ये स्पष्ट नहीं है कि यह एक सेक्स टॉय था या किसी प्रकार की पूजन वस्तु। लेकिन ये चाहे जो हो, यह एक बहुत पुरानी लिंग के आकार की चीज है।

लिस्टर (sex historian Kate Lister) के अनुसार प्राचीनकाल में यह माना जाता था कि इरेक्शन तब होता है जब लिंग हवा से भर जाता है। नतीजतन, लोग बीन्स को एक कामोद्दीपक मानते थे क्योंकि बीन्स खाने से खूब गैस बनती थी। जहां तक बर्थ कंट्रोल की बात है तो 1500 के दशक में सुअर की आंत से बने कंडोम का इस्तेमाल किया जाता था और प्राचीन मिस्र में गर्भनिरोधक के सभी तरह से इस्तेमाल होने के प्रमाण हैं। उस समय इस्तेमाल की जाने वाली एक विधि मगरमच्छ के गोबर और शहद से बनी चीज होती थी जिसे गर्भ निरोधक माना जाता था।

दुनिया में पहली नसबंदी वास्तव में 1823 में सर एशले कूपर नामक एक व्यक्ति द्वारा कुत्ते पर की गई थी। 1899 तक यह नसबंदी को पुरुषों में अत्यधिक हस्तमैथुन के 'इलाज' के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।

टॉप पोजीशन

सेक्स पोजीशन (sex position) में "मिशनरी" हमेशा से अविश्वसनीय रूप से लोकप्रिय रहा है। माना जाता है कि इसने धार्मिक महत्व तब प्राप्त किया जब प्रारंभिक कैथोलिक चर्च ने यह सिखाना शुरू किया कि यह एकमात्र स्वीकार्य सेक्सुअल पोजीशन थी और इसके अलावा किसी अन्य तरह से सेक्स करना पापपूर्ण था। मिसाल के लिए, 13वीं सदी के इतालवी धर्मशास्त्री थॉमस एक्विनास का मानना था कि "अप्राकृतिक" तरीके से संभोग प्रकृति के खिलाफ अपराध था।

प्राचीन मिस्र में सेक्स के बारे में चित्रण खूब होते थे। पिरामिडों और धार्मिक स्थलों की दीवारों पर सेक्स संबंधी ड्राइंग मिली हैं। ग्रुप सेक्स, पशुओं के संग सेक्स आदि का चित्रण आम रहा है। इसी तरह प्राचीन रोम में भी सेक्स स्वच्छन्द रूप से प्रैक्टिस किया जाता था।

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