Expensive Chicken Bid: 1 लाख से भी ज्यादा में बिका मरा हुआ मुर्गा, जानिए क्या रही इस मुर्गे की खूबी
Murge Ki Ladai Ki Parampara: पोंगल के मौके पर एक मुर्गे की लाखों में बोली लगाई गई, जिससे यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आइए जानें आखिर क्या है पूरा मामला।;
Expensive Chicken Bid On Pongal: पोंगल के अवसर पर वैसे तो आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के कई गांवों में धान के खेत तीन दिवसीय संक्रांति उत्सव (Sankranti Utsav) के दौरान युद्ध के मैदान में तब्दील हो जाते हैं, क्योंकि मुर्गों की लड़ाई (Murgon Ki Ladai) की परंपरा मुख्य रूप से प्रचलित है। मुर्गों के बीच होने वाले इस खूनी खेल की परम्परा को लेकर यहां जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है। जिसमें से प्रमुखता से एक नाम एलुरु जिले (Eluru) का भी आता है। हालांकि जिला पुलिस संक्रांति उत्सव के दौरान मुर्गों की लड़ाई और अन्य प्रतिबंधित खेलों को रोकने के प्रयास कर रही है।
पशु कल्याण के लिए चिंताएं बढ़ने के साथ ही, अधिकारी इस खूनी खेल की घटनाओं को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो कानूनी प्रतिबंधों के बावजूद, उत्साही भागीदारी को इस खेल के प्रति आकर्षण को रोक पाने में कामयाबी हासिल नहीं हो पा रहे हैं।
इस तरह मुर्गा हुआ सोशल मीडिया पर वायरल
पोंगल के मौके पर मुर्गे की लड़ाई की परंपरा (Murge Ki Ladai In Pongal) ने कई बार पहले भी चौंकाने वाली घटनाओं को जन्म दिया है। इसी तरह आंध्र प्रदेश के एलुरु में इस बार ऐसा ही रोचक किस्सा घटित हुआ है। पोंगल के मौके पर रोचक खेल में लड़ाई में हारने वाले एक मुर्गे ने अपने दर्शकों के विशाल हुजूम के साथ ही सोशल मीडिया (Social Media) पर भी जमकर सुर्खियां बटोरीं, जिसकी वजह थी इसकी ऊंची कीमत।
इस हारने वाले मुर्गे की बोली हजारों में नहीं बल्कि लाखों में लगाई गई। इस मरे हुए मुर्गे को खरीदने के लिए नीलामी के दौरान कीमत 101 रुपए से शुरू होकर 1 लाख 11 हजार 111 रुपये पर जाकर समाप्त हुई।
ये था पूरा मामला (Kyun Lagi Murge Ki Itni Mehngi Boli)
आंध्र प्रदेश के एलुरु जिले में मुर्गे की लड़ाई का आयोजन संपन्न किया गया। लड़ाई में दौरान एक मुर्गे की खून खच्चर होकर मौत हो गई। इसके बाद मुर्गे के मालिकों ने उसे नीलाम करने का ऐलान किया। एलुरु के जलीपुडी निवासी नवीन चंद्रबोस ने 1 लाख 11 हजार 111 रुपये की बोली लगाई।
सोशल मीडिया पर हुआ यह किस्सा वायरल
नवीन चंद्रबोस ने बाद मुर्गे की इस लड़ाई को इंस्टाग्राम पर शेयर किया। जिससे स्टोरी की पहुंच और बढ़ गई। नवीन के इस कदम ने पोंगल के पारंपरिक आयोजन को जमकर लोकप्रिय किया। इस पोस्ट पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। कुछ आश्चर्य कर रहे हैं तो कुछ विपरीत प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। बता दें कि संक्रांति पर लड़ाई के लिए मुर्गों को तैयार करने के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। मुर्गों को न केवल दौड़ के लिए बल्कि पैर में ब्लेड बांधकर उसे चलाने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है।
पोलावरम, कटरेनिकोना, मुम्मिदिवरम, अल्लावरम, उप्पलागुप्तम, राजोलू, सखिनेटीपल्ली, रावुलापलेम, अलमुरु, रामचंद्रपुरम और अन्य मंडलों सहित अंबेडकर कोनासीमा जिले में 200 से अधिक प्रशिक्षण शिविरों में मुर्गों को विशेष प्रशिक्षण के तहत तैयार किया जाता है। आपको अंत में बताते चलें कि पोंगल के मौके पर एलुरु के जलीपुडी निवासी नवीन चंद्रबोस ने 1 लाख 11 हजार 111 रुपये की बोली केवल मुर्गे के बने हुए मांस को खाने के लिए लगाई थी।