World TB Day 2022: लहसुन का प्रयोग Tuberculosis की समस्या को करेगा जड़ से खत्म, इन घरेलू चीज़ों से करें TB रोग का खात्मा
World TB Day 2022: विश्व से टीबी रोग का खात्मा करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है। लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने के बड़े मकसद को पुरा करने के लिए और इसकी रोकथाम करने के लिए यह खास दिन पूरे विश्व में मनाया जाता है।
World TB Day 2022: टीबी यानि ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) को सामान्य भाषा में तपेदिक या क्षय रोग भी कहा जाता है। यह एक ऐसा रोग है, जो विशेषकर फेफड़ों को प्रभावित करता है। फेफड़ों के अलावा यह रोग रीढ़, दिमाग या गुर्दे जैसे महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इस रोग की गंभीरता को समझते हुए और विश्व से इस रोग का खात्मा करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे (World TB Day) मनाया जाता है। लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने के बड़े मकसद को पुरा करने के लिए और इसकी रोकथाम करने के लिए यह खास दिन पूरे विश्व में मनाया जाता है।
छुआछूत की बीमारी नहीं टीबी
बता दें कि टीबी छुआछूत की बीमारी नहीं है। यह एक-दूसरे से नहीं फैलता है। लेकिन यह अपने आप में एक खतरनाक बीमारी है। शरीर के जिस हिस्से में टीबी हो जाती है, अगर उसका सही से इलाज न हो तो यह रोग उस अंग को बेकार कर देती है। टीबी संक्रमण के कुछ विशेष लक्षण शरीर में दिखने लगते है जैसे - खून-वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना, थकावट होना, खांसी (2 सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाली), थकान या कमजोरी महसूस होना , भूख में कमी , सीने में दर्द और सांस लेने में परेशानी होना जैसे कुछ ऐसे लक्षण हैं जो शरीर में टीबी होने का अंदेशा जाहिर करते हैं।
अगर इनमें में कोई भी लक्षण नज़र आये तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज शुरू कर दें। बता दें कि टीबी के इलाज का कोर्स पूरा करना बेहद जरूरी होता है। बीच में इसका कोर्स चोर देने से वापस शरीर में इस रोग के होने की सम्भावना रह जाती है। ऐसे में कुछ असरदार घरेलु उपाये हैं जिनको अपना कर टीबी की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
- लहसुन का रोज़ाना सेवन टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में बेहद कारगार साबित होते हैं। इतना ही नहीं लहसुन रोगाणुरोधी गुणों से भरपूर होने के साथ शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देता है। एलिकिन नामक औषधीय तत्व से भरपूर लहसुन एंटीऑक्सिडेंट, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों से भरा होता हैं। लहसुन में मौजूद विटामिन-B और विटामिन-C शरीर में टीबी के संक्रमण को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा लहसुन में सेलेनियम, मैगनीज कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। शहद में लहसुन के टुकड़ों को काट कर डाल देने के बाद रोज़ाना सुबह खाली पेट इसका एक चम्मच सेवन करना फायदेमंद होता है।
- इसके अलावा आंवला जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर होता है। आंवले में मौजूद विटामिन-सी इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने का काम करता है। इतना ही नहीं आंवला कोल्ड, कफ के अलावा शरीर में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन नहीं होने देता है। आंवले में मिलने वाले ऐसे तत्व टीबी के संक्रमण को शरीर में बढ़ने ही नहीं देते हैं। इसमें मौजूद तत्व कैंसर सेल्स से भी लड़ने की ताकत रखते हैं।
- दूध को तो वैसे ही अमृत की संज्ञा दी गयी है। टीबी के रोगियों के लिए दूध किसी वरदान से कम नहीं है। दूध में मौजूद टीबी से लड़ने में बेहद सहायक होता है।
- पुदीने एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है जिससे टीबी से प्रभावित ऊतकों के उपचार में महत्वपूर्ण मदद मिलती है।
- ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। ग्रीन टी में पॉलीफेनोल पाया जाता है जो टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होते हैं।
- काली मिर्च में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स फेफड़ों को साफ करने और बलगम उत्पादन को कम करने में बेहद लाभकारी माना जाता है। टीबी के कारण होने वाले सीने के दर्द से भी काली मिर्च राहत दिलाने में असरदार साबित होती है। इतना ही नहीं यह छींक और खांसी में भी तुरंत आराम दिलाती है।
- अनानास को भी टीबी के इलाज में लाभदायक होता है। बता दें अनानास का रस बलगम गठन को कम करने के साथ ही साथ तेजी से रिकवरी करता है।
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