DSP Santosh Patel: बंदा एहसान फ़रामोश न हो..., डीएसपी संतोष पटेल का यह वीडियो कर देगा भावुक

Santosh Patel: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते डीएसपी संतोष पटेल ने पोस्ट में लिखा कि सलमान ख़ान से भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय मुलाक़ात हुई थी।

Update:2024-11-11 18:37 IST

डीएसपी संतोष पटेल ने सब्जी विक्रेता को लगाया गले (न्यूजट्रैक)

DSP Santosh Patel: गरीबी और संघर्ष किसी भी व्यक्ति को परोपकारी और उदार बना देता है। ऐसे व्यक्ति हमेशा यह ध्यान रखते हैं कि किसी का भी एहसान कभी नहीं भूलना चाहिए। इस बात को मध्य प्रदेश के ग्वालियर के डीएसपी संतोष पटेल ने चरितार्थ कर दिया है। डीएसपी संतोष पटेल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह एक मुस्लिम सब्जी विक्रेता से मुलाकात करते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने उस सब्जी विक्रेता से न केवल बातचीत की। उसे गले लगाकर आभार भी जताया। इस दौरान अपने पोस्ट में डीएसपी संतोष पटेल ने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया।

पुलिस का वाहन देख सहम गया सब्जी विक्रेता

मध्य प्रदेश के ग्वालियर की गलियों में सब्जी का ठेला लगाने वाला सलमान खान उस समय काफी डर गया। जब उसकी दुकान के सामने एक पुलिस अधिकारी का वाहन आकर रूक गया। सलमान काफी भयभीत होकर वाहन के पास पहुंचा तो पुलिस अधिकारी डीएसपी संतोष पटेल ने हंसते हुए उसका अभिवादन किया। यह देख सलमान आश्चर्यचकित रह गया। यहीं नहीं संतोष पटेल वाहन से उतरे और सलमान खान को तुरंत गले से लगा लिया। यह सब्जी विक्रेता कोई और नहीं। बल्कि संतोष पटेल के संघर्ष के दिनों के साथी थे।

जब उनके पास सब्जी खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। तो यहीं सब्जी विक्रेता उन्हें मुफ्त में एक-एक कर सब्जी सब्जियां देते थे और इसके बदले में कभी भी पैसे नहीं मांगते थे। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते डीएसपी संतोष पटेल ने पोस्ट में लिखा कि सलमान ख़ान से भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय मुलाक़ात हुई थी। ये हमारी भावनाओं को समझकर फ्री में सब्ज़ी दे दिया करते थे।

14 साल बाद जब अचानक मिले तो दोनों बहुत खुश हुए। बुरे समय में साथ निभाने वाले को भूल जाना किसी पाप से कम नहीं। बंदे में एक दोष न हो, बंदा ऐहसान फ़रामोश न हो। सोशल मीडिया पर डीएसपी के इस संदेश को लोग प्रेरणा मान रहे हैं। साथ ही यह वीडियो काफी तेजी से वायरल भी हो रहा है। उल्लेखनीय है कि डीएसपी संतोष पटेल का जीवन बेहद गरीबी में बीता। संतोष पटेल ने तेंदूपत्ता तोड़ने और पत्थर तोड़ने का काम भी किया। डीएसपी की संघर्ष की कहानी आज के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा से कम नहीं है।

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