Priyanka Gandhi In MP: प्रियंका गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर साधा निशाना, बोलीं – जो छोड़कर चले गए, उनको पैसा मिला

Priyanka Gandhi In MP: प्रियंका गांधी ने कहा कि देश में धनबल से जनादेश को कुचला जाता है। जोड़-तोड़ और पैसे से भाजपा के लोगों ने हमारी सरकार तोड़ी और अपनी सरकार बना ली। इसके बाद उन्होंने सिंधिया और उनके कैंप के नेताओं की ओर संकेत करते हुए कहा, कुछ नेता हमारे भी ऐसे थे, जो छोड़कर चले गए। उन्हें इसके लिए पैसा मिला।

Update: 2023-06-12 09:55 GMT
प्रियंका गांधी - ज्योतिरादित्य : Photo- Newstrack

Priyanka Gandhi In MP: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और गांधी परिवार की सदस्या प्रियंका गांधी ने देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार का शंखनाद कर दिया है। प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में एक महारैली को संबोधित करते हुए उन्होंने एक तरफ जहां चुनावी वादों की झ़ड़ी लगा दी, वहीं दूसरी तरफ विपक्षियों को भी निशाने पर लिया। उनके निशाने पर वो भी रहे जिनके लिए पांच साल पहले उन्होंने वोट मांगा था। मगर अब पाला बदल चुके हैं।

मध्य प्रदेश में 15 साल के वनवास के बाद साल 2018 में सत्ता में लौटी कांग्रेस की सरकार को मात्र 15 माह में सत्ता गंवानी पड़ी थी। इसमें उनके अपनों ने ही सबसे बड़ा रोल निभाया था। आज जब प्रियंका गांधी जबलपुर में मंच से संबोधित कर रही थीं, तब वो इसका जिक्र किए बिना न रह पाईं। उन्होंने नाम न लेते हुए इशारों में कांग्रेसी से भाजपाई बने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके कैंप के विधायकों पर निशाना साधा।

जो छोड़कर चले गए, उन्हें पैसा मिला

प्रियंका गांधी ने कहा कि देश में धनबल से जनादेश को कुचला जाता है। पिछली बार आपने हमारी सरकार बनाई थी, मगर जोड़-तोड़ और पैसे से भाजपा के लोगों ने हमारी सरकार तोड़ी और अपनी सरकार बना ली। इसके बाद उन्होंने सिंधिया और उनके कैंप के नेताओं की ओर संकेत करते हुए कहा, कुछ नेता हमारे भी ऐसे थे, जो छोड़कर चले गए। उन्हें इसके लिए पैसा मिला।

मार्च 2020 में गिर गई थी कमलनाथ सरकार

साल 2018 के आखिरी में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तीनों ही राज्यों में बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इनमें मध्य प्रदेश ही ऐसा राज्य था, जहां मुकाबला बेहद नजदीकी रहा था। कांग्रेस ने निर्दलीयों और बसपा-सपा के समर्थन से सरकार बना ली। सीएम पद की आस लिए बैठे ज्योतिरादित्य सिंधिया हाथ मलते रह गए और ताज कमलनाथ के सिर सजा। अगले साल हुए आम चुनाव में सिंधिया लोकसभा सीट भी गंवा बैठे।

इसके बाद एक तरह से वे पार्टी में खुद को उपेक्षित महसूस करने लगे। सिंधिया की नाराजगी ने आखिरकार मात्र 15 माह पुरानी कांग्रेस सरकार के अंत की पटकथा लिख दी। सिंधिया खेमे के 22 विधायकों के बाद पहले से ही जादुई आंकड़े से पीछे रह गई कांग्रेस अल्पमत में आ गई और आखिरकार मार्च 2020 में कोरोना लॉकडाउन से पहले कमलनाथ को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। किसी जमाने में कांग्रेस में राहुल गांधी के यूथ ब्रिगेड के कद्दावर चेहरे रहे सिंधिया अब प्रदेश में पार्टी के सबसे बड़े खलनायक बन चुके हैं।

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