सचिन वाझे का बड़ा खुलासा, चार करोड़ था डीसीपी की पोस्टिंग का रेट, दिए थे 40 करोड़

सचिन वाझे ने ईडी की पूछताछ में खुलासा करते हुए कहा कि मुंबई में 10 डीसीपी की पोस्टिंग रुकवाने के फैसले की वापसी के बाद 2 मंत्रियों ने 40 करोड़ की रिश्वत ली थी।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-09-17 07:19 GMT

सचिन वाझे से ED ने की पूछताछ। (Photo-Social Media) 

एंटीलिया कांड में गिरफ्तार सचिन वाझे ने ईडी की पूछताछ में खुलासा करते हुए कहा कि साल 2020 में मुंबई में हुए 10 डीसीपी के ट्रांसफर को लेकर महाराष्ट्र के 2 मंत्रियों ने 40 करोड़ रुपये रुकवाने के लिए थे।इस पर सचिन वाझे ने बताया की, जुलाई 2020 में इस समय के मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 10 डीसीपी के ट्रांसफ़र पोस्टिंग को लेकर ऑर्डर दिया था, जिसको लेकर उस समय के महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और कैबिनेट मंत्री अनिल परब खुश नहीं थे और उन लोगों ने इस ऑर्डर को वापस लेने के लिए कहा।

वाझे के मुताबिक इसके 3 से 4 दिन के बाद उन्हें पता चला की कुछ पैसों की लेन-देन के बाद दूसरा ऑर्डर जारी किया गया। मुझे आगे पता चला की उन पुलिस अधिकारियों से 40 करोड़ रुपये लिए गए थे जिसके से 20 करोड़ अनिल देशमुख ने उनके पर्सनल सेक्रेटरी संजीव पलांडे के माध्यम से और 20 करोड़ अनिल परब ने आरटीओ अधिकारी बजरंग खरमाटे के हाथों लिए थे।

वाझे ने अपनी पोस्टिंग को लेकर भी अपने बयान में बताया की उनसे अनिल देशमुख ने 2 करोड़ की मांग की थी। वाझे ने आरोप लगाया कि 5 जून 2020 को डिपार्टमेंटल रिव्यू कमेटी की मीटिंग हुई थी जिसने परमबीर सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर एडिशन नवल बजाज, एडिशनल कमिश्नर एस जयकुमार और एक डीसीपी मौजूद थे। इस मीटिंग में कई अधिकारियों को पुलिस विभाग में वापस लेने का निर्णय लिया गया।

वाझे ने बताया जिसके बाद मुझे 10 जून 2020 सीआईयू का इंचार्ज बनाया गया और फिर 12 जून को मुझे परमबीर सिंह ने बताया की एनसीपी चीफ शरद पवार ने उन्हें सिल्वर ओक यानी की अपने बंगले पर बुलाया था और मेरी (वाझे) पुलिस विभाग में वापसी को लेकर वो ख़ुश नहीं थे, इस वजह से उन्होंने मुझे फिर से सस्पेंड करने को कहा।

13 जून को मुझे अनिल देशमुख का फोन आया और उन्होंने मुझे कहा की वो शरद पवार को मना लेंगे इसके बदले उन्होंने मुझसे 2 करोड़ रुपये की मांग की। 16 जून 2020 को मैं अनिल देशमुख से सह्याद्रि गेस्ट हाउस पर मिला जहां पर उन्होंने मुझे बताया की शरद पवार को मना लिया है और मुझे कहा हां साथ में अच्छे-अच्छे केस पर काम करेंगे, इसके बाद अनिल देशमुख मुझसे कई मामलों की जानकारी लिया करते थे।

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