Meghalaya Election Result: विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद गांव में भड़की हिंसा, प्रशासन ने लगाया कर्फ्यू
Meghalaya Election Result: उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय में चुनाव नतीजों के बाद हिंसा भड़क गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के सहस्नियांग गांव में दो पक्षों के बीच रिजल्ट को लेकर विवाद हो गया।
Meghalaya Election Result: उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय में चुनाव नतीजों के बाद हिंसा भड़क गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के सहस्नियांग गांव में दो पक्षों के बीच रिजल्ट को लेकर विवाद हो गया। गर्मागम बहस के बाद इसने हिंसक रूख अख्तियार कर लिया। जानकारी मिलने के बाद फौरन जिला मुख्यालय से पुलिसफोर्स की टुकड़ी को रवाना किया गया। जिला प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। हिंसा में किसी प्रकार की क्षति दर्ज नहीं की गई है।
एनपीपी-बीजेपी फिर बनाएंगे सरकार
मेघालय में एकबार फिर खंडित जनादेश आया है। 60 सदस्यों वाली मेघालय विधानसभा में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला है। लिहाजा मिलीजुली सरकार ही यहां बनेगी। सत्तारूढ़ एनपीपी ने सबसे अधिक 26 सीटों पर जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की पार्टी को सात सीटों का फायदा हुआ है। गत चुनाव में उनकी पार्टी को महज 19 सीटें प्राप्त हुई थीं।
मेघालय की सीटों पर अकेले चुनाव
तो वहीं, भारतीय जनता पार्टी को इसबार महज सीटों से संतोष करना पड़ा। भगवा दल को पिछली बार दो सीटें हासिल हुई थीं। इस लिहाज से देखें तो उसे एक सीट का फायदा हुआ है। इस बार पार्टी ने पहली बार मेघालय की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था, लेकिन फिर भी वो कोई कमाल नहीं कर सकी। मेघालय में 4 साल से अधिक समय तक सरकार चलाने वाली एनपीपी और बीजेपी चुनाव से ऐन पहले अलग हो गए थे। मगर अब फिर साथ आ गए हैं। असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के मुताबिक, नतीजे के बाद सीएम कॉनराड संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह से समर्थन मांगा। जिसके बाद बीजेपी ने संगमा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। मेघालय सीएम ने इसके लिए बीजेपी को धन्यवाद भी दिया।
कांग्रेस को लगा बड़ा झटका
मेघालय में लंबे समय तक सरकार चलाने वाली कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में तगड़ा झटका लगा है। पार्टी की सीटें घटकर पांच रह गईं। पिछली बार कांग्रेस 21 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पूर्व सीएम मुकुल संगमा के पार्टी छोड़ने का असर साफ दिखा। संगमा ने टीएमसी ज्वाइन कर ली थी और उसी से चुनाव लड़ा था। टीएमसी को पांच सीटें मिली है। वहीं, अन्य के खाते में 21 सीटें गई।