Mirzapur News: जहां हैं पेशेवर अपराधी, वहां नहीं होंगे स्थाई जेलकर्मी, जानिए और क्या बोले कारागार मंत्री
Mirzapur News: मिर्जापुर जिले में कारागार मंत्री ने बंदियों से संवाद के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सरकार कार्य कर रही है।
Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में कारागार मंत्री ने बंदियों से संवाद किया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि पेशेवर अपराधियों के लिए जेल में विशेष निगरानी रखी जा रही है। सीसीटीवी और बॉडी कैमरे से उनपर लगातार नजर रखी जा रही है। उमेश पाल हत्याकांड में जेल से रचे गए षड्यंत्र की जांच चल रही है। जेल के नियमों से खिलवाड़ करने वाले जेलकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। चित्रकूट और बरेली जेल कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सरकार कार्य कर रही है।
23 जेलों में हैं हाई सिक्योरिटी बैरक
कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि हमारी 23 जेलें ऐसी हैं, जहां हाई सिक्योरिटी बैरकें बनाई गई हैं। इन बैरकों की 24 घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, साथ ही बॉडी बाल कैमरे का भी उपयोग इनसे मिलने वाले लोगों और जेल कर्मियों द्वारा किया जाएगा। उमेश पाल हत्याकांड में जेल से रची गई साजिश को लेकर कहा कि जो भी जेलकर्मी नियमों की अनदेखी किए हैं, उनके खिलाफ हमने सख्त कार्रवाई की है।
यह मैसेज सभी को दे दिया है कि किसी को नियमों से खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा। जहां भी पेशेवर अपराधी हैं, वहां पर स्थाई जेलकर्मियों की ड्यूटी नहीं लगाई जा रही है। भविष्य में इस तरह की घटना ना हो, इसको लेकर सरकार पूरी तरीके से सतर्क और चौकन्नी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की अपराध अपराधियों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है और इस पर हम पूरी तरीके से काम कर रहे हैं।
जेल पहुंचकर किया बंदियों से संवाद
कारागार में बंदियों के साथ संवाद करने के बाद मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि हमने पूरे प्रदेश में संवाद का अभियान चला रखा है। सभी अपराधी पेशेवर नहीं होते, कुछ अनायास ही घटनाओं में फंसकर जेल में चले आते हैं। ऐसे अपराधियों को उनके परिवार से कनेक्ट करना और उनको बताना होगा कि उनके जेल में आने के बाद परिवार पर क्या बीत रही है। ताकि वो आगे कोई गलती न करें। उन्होंने कहा कि जो पेशेवर बंदी नहीं हैं, उनके साथ मानवीय दृष्टिकोण से व्यवहार किया जाए और जो नौजवान बंदी हैं, उनको कौशल विकास से जोड़कर उनके अंदर हुनर को विकसित किया जाए। जिससे वह जेल के बाहर आकर स्वावलंबी बन सकें।