यह मदरसा है खास, यहां मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं गौसेवा का पाठ, सुनकर हो जाएंगे हैरान

किसी ने खूब कहा है कि हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा इंसान की औलाद है इंसान बनेगा। जो इंसान होगा वो दूसरों की दुख दर्द को जरूर समझेगा।चाहे हिंदू हो या मुसलमान, अगर उसे सही शिक्षा मिले तो गलत राह पर नहीं जा सकते है। कुछ दिनों पहले मुस्लिमों पर गौहत्या का आरोप लगता रहा है।

Update: 2023-09-05 10:39 GMT

जयपुर : किसी ने खूब कहा है कि हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा इंसान की औलाद है इंसान बनेगा। जो इंसान होगा वो दूसरों की दुख दर्द को जरूर समझेगा।चाहे हिंदू हो या मुसलमान, अगर उसे सही शिक्षा मिले तो गलत राह पर नहीं जा सकते है। कुछ दिनों पहले मुस्लिमों पर गौहत्या का आरोप लगता रहा है। लेकिन एक ऐसी जगह है जहां मुस्लिम गौसेवा करते है। ऐसा ही कुछ भोपाल में देखने को मिला। यहां नजदीक एक ऐसा मदरसा है जहां मुस्लिम छात्र ना सिर्फ इस्लाम की तालीम लेते हैं बल्कि सभी मिलकर गायों की सेवा भी करते है।

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भोपाल के पास तूमड़ा गांव में बना दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे में करीब 200 छात्र पढ़ते हैं। सुबह से लेकर शाम तक इन्हें इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ मॉडर्न एजुकेशन, जैसे हिंदी और इंग्लिश भी पढ़ते है। इसके अलावा इन छात्रों को मदरसे में देशभक्ति का भी पाठ भी पढ़ाया जाता है।

दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे के संचालक कहते हैं कि मदरसे के संस्थापक सालों पहले यहां पालने के लिए गाय लाये थे क्योंकि उन्हें बताया गया था कि इसके घी और दूध में बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है। उसके बाद से ही उस गाय की कई नसलें यहां गौशाला में रहती हैं। यहां करीब 25 गाय और भैंस हैं। इस मदरसे में पढ़ाई के साथ-साथ मुस्लिम बच्चों को गौसेवा सिखाई जाती है।

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सुबह की शुरुआत मदरसे में पढ़ाई से होती है जिसके बाद छात्र बारी-बारी से गौशाला जाते हैं और गायों की सेवा करते हैं। ये छात्र गायों को रोटी भी खिलाते हैं। इसके अलावा इन गायों का दूध ही मदरसे के छात्रों को पीने के लिए भी दिया जाता है। गायों को रोजाना नहलाया जाता है और पास के जंगलों में चराने के लिए ले जाया जाता है।

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