कोरोना ने किया बंधन मुक्त देश

कोरोना महामारी जिस तेजी के साथ लोगों को डस रही है। लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं उसे देखकर ऐसा लगता..;

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Roshni Khan
Update:2021-04-20 11:31 IST
कोरोना (फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कोरोना महामारी जिस तेजी के साथ लोगों को डस रही है। लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं उसे देखकर ऐसा लगता तो नहीं है कि मृत्यु दर कम है। श्मशान में अंत्येष्टि के लिए शवों की कतार ही हालात की भयावहता को बयां करने के लिए काफी है। 12 दिन में दोगुनी हो चुकी है महामारी कर रफ्तार। पीड़ित लोगों को न प्लाज्मा मिल रहा है, न दवा, न वेंटीलेटर और न ही आक्सीजन। अब जबकि कोरोना पीक पर है सरकार संसाधन जुटाने में जुटी है।

विपक्षी दलों के नेताओं का जैसे कोई वजूद ही नहीं है न तो उनकी कोई सुन रहा है न ही तवज्जो दी जा रही है। राजनीतिक दलों के लिए चुनाव पहले हैं जनता बाद में। बढ़ चढ़कर वोटिंग कराने के दावे कर के अपनी हार जीत का गणित बैठाया जा रहा है। पूरी सरकारी मशीनरी कोरोना महामारी की जगह चुनाव कराने की व्यवस्था में झोंक दी गई है।

हाई कोर्ट के लॉकडाउन करने के आदेश को भी सरकार ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया है और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। जनता बिना बेड, बिना अस्पताल, बिना दवा के कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्वतंत्र कर दी गई है। प्राइवेट जांच कर रही लैब बंद करा दी गई हैं। सरकारी स्तर पर ऊंट के मुंह में जीरा समान जांच हो रही हैं, जिनकी रिपोर्ट भी नहीं मिल पा रही है। प्रशासन का पूरा ऊपरी तंत्र कोविड संक्रमण से ग्रस्त हो कर कोरंटाइन हो चुका है।

देश के जो हालात हो चुके हैं उसमें ऐसा लग रहा है कि बहुत जल्द इस महामारी में हम एक नंबर पर पहुंचने वाले हैं। वैक्सीनेशन के नाम पर खानापूरी हो रही है। सेंटर पर एक नर्स कितने लोगों को एक दिन में टीका लगा सकती है जबकि एक व्यक्ति की लिखा पढ़ी में कम से कम दस मिनट का समय लग रहा है। अगर इसके बाद भी देश चल रहा है तो यह मानना पड़ेगा कि कहीं भगवान, खुदा और गॉड हैं जो इस देश को चला रहे हैं।

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