चुनावी घोषणापत्र- मुफ्त चीजें बांटने पर जोर, लोगों की कमाई बढ़ाने और उद्योग-धंधे की कोई फ़िक्र नहीं

Assembly Election Manifesto 2022: दुर्भाग्य से घोषणा पत्रों में सिर्फ मुफ्त में कुछ न कुछ बांटने की बात है या एक कुछ सतही योजनाओं की बात सीमित है। पार्टियों के विज़न पत्र में प्रदेश में उद्योग धंधे लगाने, रोजगार का रोड मैप बनाने, लोगों का आर्थिक स्तर उठाने जैसी महत्वपूर्ण बातें नदारद हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update:2022-02-08 21:03 IST

(कॉन्सेप्ट फोटो- न्यूजट्रैक) 

Assembly Election Manifesto 2022: भाजपा और समाजवादी ने यूपी चुनाव (UP Chunav) के लिए अपने अपने घोषणा पत्र (Manifesto) जारी किये हैं। घोषणा या संकल्प – चाहे जो पत्र कहें, मतलब पार्टी द्वारा अपना विज़न और प्लान जनता के सामने पेश करने से है। सत्ता में आने पर पार्टी क्या क्या करेगी और लोगों को अमुक पार्टी को क्यों जिताना चाहिये यही तर्क इन पत्रों में दिया जाता है। 

लेकिन दुर्भाग्य से घोषणा पत्रों में सिर्फ मुफ्त में कुछ न कुछ बांटने की बात है या एक कुछ सतही योजनाओं की बात सीमित है। पार्टियों के विज़न पत्र में प्रदेश में उद्योग धंधे लगाने, रोजगार का रोड मैप बनाने, लोगों का आर्थिक स्तर उठाने जैसी महत्वपूर्ण बातें नदारद हैं। मुफ्त में चीजें बांटीं जाएंगी लेकिन उनका पैसा आयेगा कहाँ से? लाखों करोड़ों रोजगार देंगे लेकिन कहाँ? किस विभाग या सेक्टर में? क्या कोई इंडस्ट्री लगेगी? इनका कोई प्लान नहीं है।

सपा के वादे (Samajwadi Party Manifesto)

दो बोरी मुफ्त डीएपी खाद या बीपीएल परिवारों को दो मुफ्त गैस सिलिंडर, गरीबों को मुफ्त पेट्रोल-डीजल-सीएनजी, मुफ्त 300 यूनिट बिजली, 10 रुपये में गरीबों को खाना, मुफ्त लैपटॉप, गेहूं, चावल तेल मुफ्त देने के लिए अन्त्योदय योजना, वगैरह।

चीजें मुफ्त बांटीं जायेंगी लेकिन सरकार की आमदनी कैसे बढ़ेगी, लोगों की आमदनी कैसे बढ़ेगी? इसका कोई जिक्र नहीं है। शिक्षा के जरिये एक करोड़ रोजगार की व्यवस्था की जायेगी लेकिन ये रोजगार कहाँ और किस सेक्टर में किसको मिलेंगे? इसका कोई साफ़ प्लान नहीं है। आईटी सेक्टर को बढ़ावा देकर 22 लाख नौकरियां सृजित की जायेंगी – लेकिन इस सेक्टर को कैसे बढ़ावा देंगे और ऑटोमेशन के जमाने में क्या इतनी नौकरियां बनेंगी, ये जवाब अनुत्तरित हैं। सभी थानों और तहसीलों को भ्रष्टाचार मुक्त बनायेंगे, लेकिन पुलिस सुधार के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने बरसों पहले जो कहा था उसे लागू करने पर एक शब्द नहीं कहा गया है।

यही हाल भाजपा के संकल्प पत्र का है (BJP Menifesto)

भाजपा ने सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली, मेधावी छात्रों को मुफ्त स्कूटी, टेबलेट, स्मार्टफोन, होली दिवाली में मुफ्त गैस सिलिंडर, शादी के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद, प्रतियोगी छात्रों को मुफ्त कोचिंग, हर घर में कम से कम एक रोजगार और स्वरोजगार का अवसर देने के वादे किये हैं। लेकिन क्या मुफ्त स्कूटी, टेबलेट, दो गैस सिलिंडर आदि से किसी का जीवन स्तर सुधर जायेगा?

लोगों को एम्पावर करने की कोई बात ही नहीं है। ऐसा कोई प्लान नहीं जिसमें ये कहा गया हो कि हम लोगों को इतना सक्षम बनायेंगे कि वे खुद अपने पैसे से स्मार्टफ़ोन, खरीद सकें, बिजली बिल भर सकें और शादी कर सकें। हर घर में एक रोजगार देंगे लेकिन कहाँ और कैसा? क्या लोगों को उनकी योग्यता के अनुरूप काम और पैसा मिलेगा?

बहरहाल, किसी एक पार्टी को दोष देने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सभी का यही हाल है। इसकी वजह शायद ये है कि दल जानते हैं कि जनता का विज़न स्वयं ही बहुत सीमित और कम दूरी का है। 

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