Tourism Sector: पर्यटन क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाशना
Tourism Sector: भारत के पर्यटन क्षेत्र में उछाल का कारण कई नए नेशनल हाइवे, नए रेल प्रोजेक्ट्स और नए एयरपोर्ट्स की वजह से भी आया है। भारत में पर्यटक स्थलों के विकास और स्थिरता के लिए बेहतर कनेक्टिविटी एवं बुनियादी ढांचे का विकास भी बड़े कारक हैं।
Tourism Sector: भारत के यात्रा और पर्यटन उद्योग में हाल के वर्षों में काफी उछाल देखा गया है जिससे इस क्षेत्र के भीतर विकास के एक नए युग की शुरुआत हुई है। यह उछाल नए ट्रेवल ट्रेंड्स, तकनीकी प्रगति और कई रणनीतिक सरकारी पहलों के साथ आया है जिसने इस क्षेत्र में सामूहिक रूप से प्रगति और विशाल संभावनाओं को जन्म दिया है।
भारत के पर्यटन क्षेत्र में उछाल का कारण कई नए नेशनल हाइवे, नए रेल प्रोजेक्ट्स और नए एयरपोर्ट्स की वजह से भी आया है। भारत में पर्यटक स्थलों के विकास और स्थिरता के लिए बेहतर कनेक्टिविटी एवं बुनियादी ढांचे का विकास भी बड़े कारक हैं। सड़क नेटवर्क, रेलवे और हवाई अड्डों के व्यापक विकास से न केवल दूरदराज और उभरते पर्यटक स्थलों तक पहुंच में सुधार हुआ है बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिला है। बेहतर कनेक्टिविटी अधिक लोगों को यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करती है, कम लोकप्रिय पर्यटक स्थलों के लिए भी अवसर खुलते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। लोगों के बीच विविध यात्रा अनुभवों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ऐसे बुनियादी ढांचे का विस्तार आवश्यक है और पर्यटन क्षेत्र के निरंतर विकास की यही कुंजी भी है।
इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स भी व्यापक ट्रेवल इकोसिस्टम के एक अभिन्न अंग के रूप में उभरे हैं, जो उपभोक्ताओं को एक अलग ट्रेवल बुकिंग एक्सपीरियंस प्रदान करते हैं। इन डिजिटल प्लेटफार्मों की वृद्धि के पीछे लोगों तक इंटरनेट की बढ़ती पहुंच, स्मार्टफोन की बढ़ती संख्या और सर्वश्रेष्ठ पेमेंट डिजिटल और इंटरनेट बैंडविड्थ जैसे बुनियादी ढांचे जैसे पहलुओं की अहम भूमिका रही है। ये डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म न केवल यात्रियों को नई ट्रेवल डेस्टिनेशन खोजने में मदद करते हैं, बल्कि डेटा आधारित भविष्य की रणनीतियां तैयार करने में नीति निर्माताओं की सहायता करने की भी क्षमता रखते हैं।
हाल के दिनों में, भारत में यात्रा और पर्यटन पर ध्यान देने योग्य वृद्धि हुई है। यह उल्लेखनीय वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान को आकार देने में क्षेत्रों के बढ़ते महत्व को रेखांकित करती है। जाहिर है, भारत सरकार इन उद्योगों को विकास के महत्वपूर्ण कारकों के रूप में उनकी क्षमता को पहचानते हुए, उनको बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यहां इस बात पर प्रकाश डालना महत्वपूर्ण है कि 'अतुल्य भारत', 'देखो अपना देश' और 'स्वदेश दर्शन' जैसी पहलें पर्यटन की पहुंच बढ़ाने और अनुभवों में विविधता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। साथ ही इससे भारत की कल्चरल और हेरिटेज टेपेस्ट्री की समृद्धि भी बढ़ रही है।
जैसा कि हम भारत के यात्रा और पर्यटन उद्योग में हालिया तेजी को बनाए रखने तथा इसी पर आगे बढ़ने पर विचार कर रहे हैं, एक और महत्वपूर्ण पहलू पर विचार करना आवश्यक है और वो है सस्टेनेबल और जिम्मेदार पर्यटन। यह आवश्यकता महज बयानबाजी से परे है और ठोस उपायों की मांग करती है। हमारे पर्यावरण की अनिश्चित स्थिति को स्वीकार करते हुए, यह स्पष्ट है कि यदि हम भावी पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक सुंदरता की विरासत छोड़ना चाहते हैं, तो हमें पर्यटन के हर पहलू में स्थिरता को शामिल करना होगा। सस्टेनेबल पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति और ट्रेवल फॉर लाइफ (एलआईएफई) अभियान जैसी पहलें सिर्फ नीतियां नहीं हैं बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूक, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील पर्यटन क्षेत्र के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। जीओए रोडमैप भारत की जी20 की अध्यक्षता का एक आकर्षण है और यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है। यह सस्टेनेबल ग्लोबल टूरिज्म का एक ब्लूप्रिंट है जो इस क्षेत्र में भारत के नेतृत्व पर जोर देता है। ये पहल नीति निर्माताओं से लेकर पर्यटकों तक- सभी के लिए एक स्पष्ट आह्वान है कि सस्टेनेबल पर्यटन अब एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है, जो उन लोगों के लिए भारत के वैभव को संरक्षित करने का अभिन्न अंग है जो एक दिन हमारे नक्शेकदम पर चलेंगे।
इसके साथ ही, आध्यात्मिक पर्यटन में वृद्धि के माध्यम से भारत की आध्यात्मिक और पारंपरिक जड़ें वापस मजबूती का अनुभव कर रही हैं। आध्यात्मिक पर्यटन पर बढ़ता फोकस, सदियों पुरानी परंपराओं को समकालीन रुचियों के साथ मिलाकर, इस गति को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। इस ट्रेंड से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद है, जो अपनी यात्राओं में आध्यात्मिक गहराई चाहने वाले यात्रियों को विविध और सार्थक अनुभव प्रदान करेगा।
सस्टेनेबल और जिम्मेदार पर्यटन प्रैक्टिसेज को अपनाने से लेकर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की शक्ति का लाभ उठाने तक, भारत संभावित रूप से वैश्विक पर्यटन परिदृश्य के लिए मानक स्थापित कर सकता है। सस्टेनेबिलिटी, इनोवेशन और इंक्लूसिविटी पर आधारित इस गति को बनाए रखने से यह सुनिश्चित होगा कि भारत का यात्रा और पर्यटन उद्योग वैश्विक पर्यटन के संदर्भ में फलता-फूलता रहेगा।
(राजेश मागो- लेखक मेक माय ट्रिप के को-फाउंडर एवं सीईओ हैं।)