Get well soon अटल जी, आपके आ जाने से कितनी बदल गई देश की राजनीति

Update:2018-06-11 18:32 IST

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के युग पुरुष और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। बेशक, हालत गंभीर है। साल 2009 से व्हीलचेयर पर बैठे वाजपेयी डिमेंशिया नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में वाजपेयी की सलामती के लिए देशभर में मौजूद उनके प्रशंसकों ने प्रार्थना करना शुरू कर दी है।

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93 साल के वाजपेयी ने भारतीय राजनीति में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए भारतीय राजनीति में कदम रखा था। वाजपेयी 1942 से 2004 तक राजनीति में सक्रिय रहे लेकिन हम आज आपको वो बताने वाले हैं जो शायद आपको पता नहीं होगा।

कॉलेज के समय से ही काफी फेमस थे अटल जी

अटल जी कॉलेज के समय से ही काफी फेमस थे। उनके काफी लड़कियां और लड़के दीवाने थे। दरअसल, अटल जी एक अच्छे राजनीतिज्ञ हैं, ये तो लोगों को बाद में पता चला लेकिन वो उतने ही अच्छे एक कवि भी हैं, इसके बारे में सिर्फ उनके दोस्तों-यारों को पता है। उन्होंने कानपुर के डीएवी कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है। उस समय लोग उनकी कविताओं और आवाज के कायल हुआ करते थे।

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आलम ये थे कि लोग पार्क में खड़े होकर अटल जी की कविताएं सुनते थे। अजी, उन्हें सुनने के लिए लोगों का मेला लगता था। भाईसाहब वो भी क्या दिन थे। पूर्व पीएम के राजनीतिक सफ़र की बात करें तो भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से वो एक हैं। साथ ही, अटल जी 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए भी काम किया।

ये हैं बातें, जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को बनाया अटल जी

  • अटल जी पहले भारतीय नेता हैं, जिन्होंने यूनाइटेड नेशन में अपना स्पीच हिंदी में दिया था। जब वो विदेश मंत्री थे, तब उन्होंने ये सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
  • पाकिस्तान से करगिल युद्ध की जंग में भारत की जीत का श्रेय भी अटल जी को जाता है।
  • अटल जी को भारत का तीन बार प्रधानमंत्री बनने का गौरव भी प्राप्त है।
  • लखनऊ एक मिक्स आबादी वाला शहर है, जहां हिंदू-मुस्लिम की मिलीजुली आबादी है। बीजेपी को लेकर जनता ये सोचती है कि पार्टी का झुकाव हिंदुओं की ओर ज्यादा है लेकिन जब-जब अटल जी ने लखनऊ से चुनाव लड़ा है, तब जनता ने ये नहीं देखा कि वो बीजेपी या कमल को वोट दे रहे हैं बल्कि ये सोचकर दिया कि चुनाव अटल जी लड़ रहे हैं।
  • राजमाता सिंधिया का भी अटल जी से कनेक्शन पुराना है। दरअसल, अटल जी का जन्म ग्वालियर में हुआ था, इसलिए उनका काफी समय मध्यप्रदेश में बीता। राजमाता राजघराने से ताल्लुक रखती थीं लेकिन अटल जी को बहुत मानती थीं। यही कारण है कि जब अटल जी और माधव राव सिंधिया चुनाव लड़ रहे थे, तब राजमाता ने अपने बेटे माधव का साथ न देकर अटल जी के लिए प्रचार किया। इससे साफ़ पता चलता है कि अटल जी को राजमाता कितन मानती थीं।

कानपुर से लखनऊ और लखनऊ से कानपुर तक भी लोकप्रिय थे अटल जी

बीजेपी के प्रतिष्ठित नेता के रूप फेमस अटल जी सांस्कृतिक नियंत्रण, स्वतंत्र विचारों और राजनीतिक तर्कसंगतता के लिए शुरू से जाने जाते रहे हैं। यही वजह है कि वो उत्तर प्रदेश में भी काफी लोकप्रिय हैं। इसके पीछे का कारण एक ये भी है कि वो 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए। उनकी पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा है कि उनके यानी 25 दिसंबर के दिन देश में ‘गुड गवर्नेंस डे’ के तौर पर मनाया जाता है।

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