अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास
सनातन धर्म के अनुसार, एक साल में दो आयन होते हैं। इसमें पहला उत्तरायण है, जबकि दूसरा दक्षिणायन है।
सनातन धर्म के अनुसार, एक साल में दो आयन होते हैं। इसमें पहला उत्तरायण है, जबकि दूसरा दक्षिणायन है। 21 जून से सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। इस समय से दिन छोटे होने लगते हैं, जबकि रातें बड़ी होने लगती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इन दिनों में भौतिक विलासता यथाशीघ्र पूरी होती है। 21 जून को सबसे बड़ा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। इसके लिए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। आधुनिक समय में योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान उस वक्त मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर, 2014 को और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। इसके बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को मनाया गया। आज दुनिया भर में योग का अभ्यास किया जा रहा है। दुनिया भर के लगभग सभी देश योगाभ्यास करते हैं। मूल योग विधि से कई व्यायाम पद्धति आज विश्व में जो प्रचलित है| वो प्राचीन योग विधि की देन है।
योग का किसने किया प्रचार
हम सब ने 90 के दशक तक अपने अपने घरों में यह योग देखा है लेकिन बाबा राम देव ने टीवी पर इसकी मार्केटिंग करके बच्चे-बच्चे को योग के महत्ता को बता दिया। रोजगारपरक योग
योग एक बहुत बड़ा रोज़गार परक बन गया। घर-घर में योग टीचर अपने योग शिविर लगाने लगे हैं। पहले जो दरी, चादर और पजामा-कुर्ता की जगह योगा मेट, योगा कपड़े आदि का एक बड़ा व्यापार विश्व में स्थापित हो गया। योगाचर्या की उपाधि बन गयी योगाचार्य बिजनेसमैन हो गया। आजकल महिलाएं भी योगाचार्या हो गई हैं। योग दिवस का महत्व
योग करने से जीवन में अध्यात्म का सृजन होता है। आज दुनियाभर के दर्जनों देशों में योग को जीवन का श्रृंगार माना जाता है। खासकर कोरोना काल में कई कारणों के चलते लोग तनाव भरी जिंदगी जीने लगे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए योग सबसे बड़ी दवा है। व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना योग करना चाहिए।
थीम
हर साल की तरह इस साल भी योग दिवस को एक थीम दी गई है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी यानी कोविड-19 के चलते लोगों को ऐसी थीम दी गई है, जो सेहत और स्वास्थ्य को बढ़ावा देगी। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 थीम है 'घर में रहते हुए अपने परिवार के साथ योग करना।'
इस बार योग दिवस दो प्रकार से भिन्न है। पहला इस साल कोरोना वायरस के चलते सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। दूसरा इस बार योग दिवस पर कोरोना काल के समय आपको घर पर योग किस प्रकार से करना है।
कई बीमारियों में कारगर
आज एलोपथिक डॉक्टर भी ज़्यादातर बीमारियों में योग का सहरा लेते हैं। हड्डी के उपचार में 70% काम योग व्यायाम का प्रयोग होता है, लम्बी स्वस्थ ज़िंदगी के लिए योग जरूरी है।कोविड 19 पोस्ट कोविड में लिया जा रहा है योग का सहारा। कोरोना तो चल गया पर उसके बाद शारीरिक होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए योग किया जा रहा है।
स्वस्थ शरीर से बड़ा कोई धन नहीं होता। शास्त्र में भी लिखा है कि सबसे पहले निरोगी काया और निरोगी काया के लिए मेडिकल विज्ञान भी कहता है 24 घंटे में एक घंटा योग व्यायाम अवश्य करना चाहिए। आज हमें गर्व है हमारी योग व्यायाम को दुनिया ने माना।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)
(यह लेखक के निजी विचार हैं)