Rahim Ke Dohe: जल है तो कल हैं

Rahim Ke Dohe: पानी का पहला अर्थ मनुष्य के संदर्भ में है जब इसका मतलब विनम्रता से है, रहीम कह रहे हैं कि मनुष्य में हमेशा विनम्रता ( पानी ) होना चाहिए।

Update:2024-03-23 12:51 IST

Rahim Ke Dohe

रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।

पानी गये ना ऊबरे, मोती, मानुष, चून।।

इस दोहे में रहीम ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है।

पानी का पहला अर्थ मनुष्य के संदर्भ में है जब इसका मतलब विनम्रता से है।

रहीम कह रहे हैं कि मनुष्य में हमेशा विनम्रता ( पानी ) होना चाहिए।

पानी का दूसरा अर्थ आभा, तेज या चमक से है जिसके बिना मोती का कोई मूल्य नहीं।

पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे ( चून ) से जोड़कर दर्शाया गया है।

रहीम का कहना है कि जिस तरह आटे का अस्तित्व पानी के बिना नम्र नहीं हो सकता।और मोती का मूल्य उसकी आभा के बिना नहीं हो सकता है।उसी तरह मनुष्य को भी अपने व्यवहार में हमेशा पानी ( विनम्रता ) रखना चाहिए जिसके बिना उसका मूल्यह्रास होता है।

विश्व जल दिवस पर शपथ लीजिए कि न सिर्फ पानी बचाएंगे बल्कि दूसरों को जागरुक भी करेंगे।

क्योंकि बिन पानी सब सून है।आज भी भारत के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां लोग पानी की कमी के कारण बेहद कष्टप्रद जीवन जी रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर पानी का दुरुपयोग किया जा रहा है।

पानी को बचाएं क्योंकि जल है तो जीवन है।

पानी कोई ऐसी वस्तु नहीं है, जिसका व्यापार किया जाए–

यह जीवनदायी पदार्थ है।

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह हर इंसान को उपलब्ध हो।

अप्सु अंत: अमृतं, अप्सु भेषजं।

अर्थात जल में अमृत है, औषधि गुण हैं।

(ऋग्वेद)

ये सत्य अनादि काल से स्वीकार्य सर्वमान्य है कि जल ही सृष्टि का आधार है।

हम जल राशियों का माँ का मान देते हैं।

आइये विश्व जल दिवस के अवसर पर इसके सदुपयोग, संवर्द्धन और संरक्षण के प्रति संवेदनशील होकर प्रयासरत हों।

जल को व्यर्थ न करें प्रदूषित होने से बचाएं।

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