Power Plant In India: इस साल 175GW के लक्ष्य को हासिल करने में राज्यों का सहयोग होगा निर्णायक

Power Plant In India: चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने तो अपने रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता के लक्ष्यों को पार कर लिया है, लेकिन 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब भी लक्ष्य से दूर हैं।

Written By :  Seema Javed
Published By :  Monika
Update: 2022-04-28 10:06 GMT

Net Zero Energy (photo: social media )

Power Plant In India: भारत के पास दिसंबर 2022 तक 175 GW क्षमता के स्वच्छ ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य है। फिलहाल अप्रेल का महीना ख़त्म हो रहा है और मार्च 2022 तक कुल 110 GW रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता स्थापित हुई है, जो कि 175 GW लक्ष्य का 63% है।

ग्लोबल थिंक टैंक एम्बर की एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने तो अपने रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता के लक्ष्यों को पार कर लिया है, लेकिन 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब भी लक्ष्य से दूर हैं। इससे साफ़ होता है कि साल के बचे हुए महीनों में बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे देश के लक्ष्य को हासिल करने के लिए।

"इंडियाज़ रेस टू 175 GW" नाम की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने मार्च 2022 तक 110 GW अक्षय ऊर्जा क्षमता (बड़े हाइड्रो पावर प्लांट्स को छोड़कर) स्थापित किया, जो कि 175 GW लक्ष्य का 63% है। 54 GW सौर क्षमता और ग्रिड पर 40 GW पवन क्षमता के साथ, राष्ट्र अपने सौर ऊर्जा लक्ष्य के आधे और 2022 के लिए अपने पवन ऊर्जा लक्ष्य के दो-तिहाई पर है।

सभी राज्यों को योगदान करने की आवश्यकता

मार्च तक, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और अंडमान और निकोबार के केंद्र क्षेत्र के राज्यों ने अपने सालाना लक्ष्यों को पार कर लिया था। गुजरात और तमिलनाडु भी अपने लक्ष्यों के करीब आ रहे हैं। अन्य राज्यों में सिर्फ उत्तराखंड और सिक्किम हैं जिन्होंने अपने लक्ष्यों का 50% से अधिक हासिल किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्यों को योगदान करने की आवश्यकता है, क्योंकि दिसंबर तक 175 GW के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्र को अगले नौ महीनों में 65 GW अधिक की आवश्यकता होगी।

इस 65 GW की कमी में पांच प्रमुख भारतीय राज्य दो-तिहाई के हिस्सेदार हैं: महाराष्ट्र (11 GW), उत्तर प्रदेश (10 GW), आंध्र प्रदेश (9 GW), मध्य प्रदेश (7 GW), और तमिलनाडु (5 GW)।

प्रगति की कमी भारत को दौड़ में जीतने में बाधक बन रही

एम्बर के वरिष्ठ बिजली नीति विश्लेषक आदित्य लोला कहते हैं, "प्रमुख राज्यों में प्रगति की कमी भारत को इस दौड़ में जीतने में बाधक बन रही है। सभी राज्यों को इस दिशा में सहयोग करना होगा जिससे देशहित में यह लक्ष्य हासिल किए जा सकें।"

अगले नौ महीनों में सौर ऊर्जा क्षमता स्थापना के 100 GW के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस दिशा में 85% की विकास दर वृद्धि की आवश्यकता है। वहीं पवन ऊर्जा को 60 GW लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अगले तीन तिमाहियों में लगभग 50% की वृद्धि की आवश्यकता है।

भारत 2030 तक 450 GW रिन्युब्ल एनेर्जी और 500 GW गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य को देख रहा है। 110 GW पहले से ही स्थापित होने के साथ, राष्ट्र को 340 GW नई अक्षय ऊर्जा क्षमता या औसतन 42.5 GW प्रति वर्ष की दर से अगले आठ साल क्षमता स्थापित करनी होगी 2030 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए।

इस दौरान देश की सौर क्षमता को 54 GW से पांच गुना बढ़कर 280 GW पहुँचना होगा और पवन ऊर्जा को बढ़कर 140 GW पहुँचना होगा।

रिपोर्ट में अंततः यह कहा गया है कि भारत के लिए यह बिलकुल संभव है कि वह 2030 तक अपने 450 GW के रिन्युब्ल एनेर्जी लक्ष्य को हासिल कर ले, बस ज़रूरत होगी राज्यों के सहयोग की।

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