Priyanka Tiwari
लखनऊ: राजधानी में आएदिन हो रही घटनाओं से शहर की महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सपा सरकार ने महिला सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 1090 जारी किया। ये भी सुरक्षा प्रदान करने में असफल रहा। बीते 10 फरवरी को लापता हुई 12वीं की स्टूडेंट का शव मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर जंगल में मिला।स्टूडेंट की हत्या क्यों और किसने की यह गुत्थी तो अभी तक नही सुलझी, लेकिन पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस अगर समय रहते ही जाग जाती तो स्टूडेंट की जान बचाई जा सकती थी। अब सवाल ये उठता है कि क्या पुलिस पूरी तरह से असंवेदनशील हो गई है।
स्टूडेंट्स ने क्या कहा
लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली अपेक्षा व दृष्टि ने कहा कि राजधानी में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती है। पुलिस, प्रशासन व 1090 का प्रभाव निष्क्रिय हो चुका है। यूनिवर्सिटी के कैलास छात्रावास में रहने वाली शुभांगी ने बताया कि कॉलेज कैम्पस में सुरक्षा की दृष्टि से कैमरे तो लगाये गए हैं। इसके बावजूद लड़कियां अपने आप को सुरक्षित नही मानती।
सुरक्षा पर लग चुकी है सेंध
आईटी कॉलेज की आयशा व दीपाली का कहना है कि हम कॉलेज कैम्पस में तो सुरक्षित है लेकिन काॅलेज के बाहर निकलने पर डर बना रहता है। 1090 या पुलिस से शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नही की जाती। सपा सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए किये गए वादे पूरी तरह से विफल हो रहे हैं। जब राजधानी में ही महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहीं तो दूर-दराज के इलाकों व गांवों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। राजधानी की वीआईपी सड़कों पर होने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर सेंध लग चुका है। पूरी तरह से शासन-प्रशासन की पोल खुलती नजर आ रही है।
सीसीटीवी लगाना सिर्फ खानापूर्ति
लखनऊ यूनिवर्सिटी में असुनियोजित ढंग से सीसीटीवी कैमरे लगा कर सिर्फ खानापूर्ति की गई है। छात्रसंघ चुनाव को लेकर यूनिवर्सिटी छात्रों का कहना है कि कॉलेजों में बिना राजनैतिक हस्तक्षेप के शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव होने चाहिए। जिससे कॉलेज प्रबंधन छात्रों का शोषण न कर सके।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
लखनऊ यूनिवर्सिटी की प्रोवोस्ट शीला मिश्रा का कहना है कि यूनिवर्सिटी और छात्रावास परिसर तक ही नहीं इसके बाहर भीं महिला सुरक्षा और सम्मान को लेकर हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। किसी भी घटना की शिकायत या असुविधा के लिए कई हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हैं। शिकायत पर तत्काल सुनवाई और कार्यवाही की जाती है। उनका कहना है कि सीसीटीवी कैमरे से अपराध को नहीं रोका जा सकता। इसके लिए महिलाओं और स्टूडेंट्स को भी बिना डरे अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। लड़की किसी घटना को समय रहते नहीं बताती और फिर बात और अधिक बढ़ जाती है। शीला मिश्रा ने कहा कि प्रशासन समय-समय पर स्वयं सेवी संस्थाओं , पुलिस आदि के साथ मिलकर महिला शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान के लिए अभियान चलाता है। इससे लड़कियों का आत्मविश्वास भी काफी बढ़ा है। लड़कियों को भी महिला सशक्तिकरण के नाम पर अपनी मर्यादा का उल्लंघन नही करना चाहिए।