मायावती ने कहा- दलितों, पिछड़ों के लाभ में कटौती किए बिना ही अपरकास्ट-अल्पसंख्यकों को आरक्षण

केंद्र में विरोधी सरकारों की ग़लत नीति के कारण अल्पसंख्यक समाज के लोगों में ग़रीबी बढ़ी है।उन्हें ग़रीबी के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था किए जाने की ज़रूरत है

Update: 2017-01-30 07:05 GMT

 

लखनऊः बसपा मुखिया मायावती ने अपरकास्ट व अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिए जाने की वकालत करते हुए कहा है कि पार्टी आरक्षण में किसी भी प्रकार की कटौती किए बिना ही इन वर्गों के गरीब लोगों को आरक्षण दिए जाने की पक्षधर है। इसके लिए संविधान में संशोधन करके आरक्षण कोटे को बढाया जा सकता है। भाजपा पर आरक्षण विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का एक टीवी चैनल को दिया गया इंटरव्यू भ्रमित करने वाला है।

उन्होंने कहा है कि केंद्र में विरोधी पार्टियों की सरकारों की ग़लत नीति के कारण अल्पसंख्यक समाज के लोगों में ग़रीबी बढ़ी है। इसलिए उन्हें ग़रीबी के आधार पर ना कि जाति व धर्म के आधार पर आरक्षण की अलग से व्यवस्था किए जाने की ज़रूरत है। 50 प्रतिशत की आरक्षण में किसी भी प्रकार की कटौती किए बिना ही अपरकास्ट व अल्पसंख्यक समाज के ग़रीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को यह बात अवश्य ही मालूम होनी चाहिए पर वे जानबूझकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें आरक्षण देने के लिए आरक्षण में कटौती हो जायेगी जो चुनाव के दौरान सरासर गलत, मिथ्या व भ्रमित करने वाला प्रचार है।

मायावती ने साफ किया है कि बसपा आरक्षण में कटौती के पूरी तरह ख़िलाफ है। इसलिए भाजपा के शीर्ष व आरएसएस को आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था परिवर्तन के मामले में अपना नजरिया व मानसिकता बदलकर देशहित में सही दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। केवल बोलने से अब काम चलने वाला नहीं है, बल्कि इस दिशा में सरकारी स्तर पर खासकर जरूरी कदम भी उठाने होंगे। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को आरक्षण के मामले में अपनी कथनी व करनी में जमीन-आसमान के अन्तर को मिटाकर सही मानसिकता से काम करना होगा और इन मामलों में भी लोगों को गुमराह करते रहने की नीति व नीयत भी बदलनी होगी।

 

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