छत्तीसगढ़ में नई सियासी अटकलें, बघेल बोले- हाईकमान कहे तो सीएम पद छोड़ने को तैयार
Chhattisgarh Political News : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को लेकर चल रही अटकलों के बीच बघेल ने कहा कि यदि हाईकमान किसी और को मुख्यमंत्री बनानी चाहें तो इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
Chhattisgarh Political News : पंजाब और राजस्थान कांग्रेस में संकट के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel Statement) ने एक बड़ा बयान देकर नई सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को लेकर चल रही अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचे बघेल ने साफ तौर पर कहा कि यदि हाईकमान (Congress High Command) किसी और नेता को मुख्यमंत्री पद पर बिठाने का इच्छुक है तो उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
इससे पहले दस जनपथ पर पहुंचे बघेल की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Baghel meets Sonia Gandhi) से मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ राज्य के सियासी हालात पर एक घंटे तक चर्चा की। प्रियंका से मुलाकात के बाद बाहर निकले बघेल ने कहा कि मुझे हाईकमान ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है और हाईकमान की ओर से कोई भी निर्देश मिलने पर मैं यह पद छोड़ने मैं तनिक भी देरी नहीं करूंगा।
ढाई-ढाई साल के फार्मूले की चर्चा
दरअसल छत्तीसगढ़ कांग्रेस में इन दिनों ढाई-ढाई साल के फार्मूले की काफी चर्चा है। बघेल ने गत 17 जून को अपने कार्यकाल का ढाई वर्ष पूरा किया था। छत्तीसगढ़ में बघेल के कमान संभालने के समय से ही यह चर्चा थी कि उन्हें ढाई साल के लिए ही मुख्यमंत्री बनाया गया है और इसके बाद मुख्यमंत्री पद की कमान टीएस सिंह देव को सौंप दी जाएगी। कांग्रेस के एक खेमे का मानना है कि ढाई साल के समयसीमा पूरी होने के बाद सरकार में कुछ फेरबदल हो सकता है। ढाई-ढाई साल के फार्मूले को हवा देने वालों में राज्य के असंतुष्ट कांग्रेसी शामिल हैं। उनका कहना है कि भले ही हाईकमान की ओर से ढाई साल के फार्मूले पर कोई बात न की गई हो मगर दिल्ली में हमेशा इस बात को लेकर चर्चा होती रही है।
हालांकि कांग्रेस नेतृत्व की ओर से कभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई। हाईकमान और प्रदेश के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया ने हमेशा इन चर्चाओं का खंडन किया है मगर कांग्रेस में दबी जुबान से समय-समय पर यह चर्चा होती रही है। इन चर्चाओं के बीच बघेल ने रविवार को दिल्ली पहुंचकर प्रियंका गांधी से मुलाकात की। हालांकि उनकी राहुल गांधी और सोनिया से मुलाकात नहीं हो सकी।
उत्तर प्रदेश में जिम्मेदारी संभालने को तैयार (Baghel May Join UP Assembly Election)
ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच बघेल ने कहा कि मैंने हाईकमान के निर्देश पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसलिए जब भी हाईकमान मुझे पद से हटने के लिए कहेगा तो मैं वह कदम उठाने में तनिक भी देर नहीं करूंगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक दल की सरकार में इस तरह के समझौते नहीं किए जाते। ऐसे समझौते सिर्फ गठबंधन सरकारों में ही होते हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दो तिहाई बहुमत की सरकार है और मैंने प्रियंका गांधी से मुलाकात में अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है। बघेल ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर मैंने दूसरे राज्यों में भी पार्टी के लिए प्रचार किया है और यदि अब उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी नेतृत्व की ओर से मुझे कोई जिम्मेदारी सौंपी जाती है तो मैं वह जिम्मेदारी निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।
हाईकमान के आदेश का इंतजार
बघेल ने कहा कि मैं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गया था और वहीं अचानक प्रियंका गांधी से मुलाकात का कार्यक्रम बन गया। मैं पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर ही वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार में हिस्सा शामिल होने के लिए गया था। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया से राज्य की सियासत, कार्यक्रमों और निगमों व मंडलों में नियुक्तियों पर चर्चा की है। मैं इस बाबत हाईकमान के आदेश का इंतजार कर रहा हूं और आदेश मिलते ही सूची जारी कर दी जाएगी।
बघेल से मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पुनिया ने भी कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल का कोई फार्मूला नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस के पास तीन चौथाई बहुमत है और ऐसे में किसी भी प्रकार के फार्मूले की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को ऐसे फार्मूले की जरूरत होती है। जब हमारी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल है तो हम ऐसा फैसला क्यों करेंगे।