राहुल से बड़ी गलती: RSS पर चीन कब्जे को लेकर लगाया निशाना, लेकिन हो गई चूक

राहुल गांधी ने RSS प्रमुख के विजयदशमी उत्सव के अवसर पर नागपुर में दिए भाषण के संदर्भ में समाचार एजेंसी के ट्वीट को उद्धृत करते हुए कि भारत भूमि पर चीन के कब्जे का असली सच क्या है इसे RSS प्रमुख मोहन भागवत अच्छी तरह से जानते हैं।

Update: 2020-10-25 09:42 GMT
राहुल से बड़ी गलती: RSS पर चीन कब्जे को लेकर लगाया निशाना, लेकिन हो गई चूक (Photo by social media)

लखनऊ: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने RSS और केंद्र की मोदी सरकार पर भारत की जमीन पर चीनी कब्जे को लेकर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया और प्रधानमंत्री व RSS प्रमुख चुपचाप देखते रहे। दोनों की मौन सहमति से ही चीन ने भारत की जमीन कब्जाई है और इस हकीकत को जानकर भी स्वीकार करने का साहस RSS प्रमुख में नहीं है। RSS प्रमुख पर आरोप लगाने की जल्दबाजी में राहुल गांधी बड़ी चूक भी कर बैठे हैं। उन्होंने अंग्रेजी में लिखे समाचार एजेंसी के ट्वीट के आधार पर आरोप लगाया लेकिन RSS प्रमुख का हिंदी में दिए भाषण पर गौर नहीं किया।

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राहुल गांधी ने RSS प्रमुख के विजयदशमी उत्सव के अवसर पर नागपुर में दिए भाषण के संदर्भ में समाचार एजेंसी के ट्वीट को उद्धृत करते हुए कि भारत भूमि पर चीन के कब्जे का असली सच क्या है इसे RSS प्रमुख मोहन भागवत अच्छी तरह से जानते हैं। लेकिन उनमें यह साहस नहीं है कि वह इस सच का सामना कर सकें। हकीकत यह है कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया है और भारत सरकार व RSS ने इसे स्वीकार किया, कब्जा होने दिया।

RSS प्रमुख के भाषण के बाद एजेंसी ने अंग्रेजी भाषा में जारी किया है

अपने इस बयान के साथ उन्होंने समाचार एजेंसी का वह ट्वीट भी साझा किया है जो RSS प्रमुख के भाषण के बाद एजेंसी ने अंग्रेजी भाषा में जारी किया है। इस टवीट के अनुसार RSS प्रमुख ने कहा कि यह पूरी दुनिया के समक्ष स्पष्ट हो चुका है कि चीन ने किस तरह हमारी सीमा पर अतिक्रमण किया है और लगातार अतिक्रमण करता जा रहा है। सभी को उसके विस्तारवादी रवैये की जानकारी है। इस बार उसने ताइवान, वियतनाम, अमेरिका, जापान के साथ ही भारत से संघर्ष का रास्ता चुना है। लेकिन भारत ने जिस तरह का जवाब दिया है उसने चीन को नर्वस कर दिया है।

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असल में भागवत ने यह कहा , जिसके अंग्रेजी अनुवाद के आधार पर राहुल ने साधा है निशाना

दूसरी ओर समाचार एजेंसी ने RSS प्रमुख के भाषण के जिस अंश को आधार बनाकर ट्वीट किया है उसमें उन्होंने एक बार भी यह नहीं कहा है कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस भाषण में वह कह रहे हैं कि- कोरोना ने हमको रोक दिया लेकिन जीवन को तो नहीं रोक सका। जीवन की अनेक बातें चलती रहीं। अब यह सारी कोरोना महामारी में चीन का नाम आता है। यह पुष्ट नहीं है संदेह किया जा रहा है। पता नहीं सत्यता कितनी है। शंकाएं हैं लेकिन चीन ने इस कालावधि में अपने और सामरिक बल के गर्व में, अभिमान में जो हमारी सीमाओं का जो अतिक्रमण किया और जिस प्रकार व्यवहार किया, और कर रहा है, केवल हमारे साथ नहीं, सारी दुनिया के साथ।

वो तो सारी दुनिया के सामने स्पष्ट है। इसके पहले भी आया है, उसका स्वभाव विस्तारवादी है, यह सब लोग जानते हैं। लेकिन इस बार जैसे उसने एक साथ ताइवान, अमेरिका, जापान, भारत के साथ -साथ ही, एक साथ झगड़ा मोल लिया है। कुछ उसके अपने कारण होंगे। लेकिन सबके ध्यान में फिर एक बार आ गया। लेकिन और एक अंतर ऐसा है कि इस बार भारत ने जो प्रतिक्रिया दी उसके कारण वह सहम गया, धक्का मिला उसे । क्योंकि भारत तन के खड़ा हो गया। भारत की सेना ने अपनी वीरता का परिचय दिया। भारत के नागरिकों ने अपनी देशभक्ति का परिचय दिया। सामरिक व आर्थिक दोनों दृष्टि से वह ठिठक जाए, इतना धक्का तो उसे मिला। और उसके चलते दुनिया के बाकी देशों ने भी चीन को अब डांटना शुरू किया है।

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RSS प्रमुख का भाषण सुनने के बाद यह स्पष्ट होता है

RSS प्रमुख का भाषण सुनने के बाद यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने भारत भूमि पर चीन के कब्जे की बात नहीं कही है बल्कि कोरोना कालावधि में चीन के गलवान घाटी में प्रवेश की चर्चा जरूर की है। चीन ने वहां से अपना अतिक्रमण हटाया भी है। यह बात भी सभी जानते हैं। RSS प्रमुख ने चीन को सामरिक और आर्थिक मोर्चे पर भारत की ओर से मिले प्रतिरोध का जिक्र करते हुए कहा है कि चीन को इससे धक्का लगा है। अब पूरी दुनिया के देश उसे डांटने लगे हैं।

अखिलेश तिवारी

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